Saturday, 20 April, 2024

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Petrol Price: आपके शहर में अब भी हैं पेट्रोल के दाम बहुत ज्यादा? महंगे तेल के लिए केंद्र ने इन्हें ठहराया जिम्मेदार

Petrol Price: पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि छह गैर-भाजपा शासित राज्यों- पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और झारखंड ने पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट कम नहीं किया है, जिससे वहां पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ गई हैं। पुरी ने लोकसभा में कहा कि केंद्र सरकार ने संकेतों के […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Dec 16, 2022 17:16
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Petrol Diesel Price

Petrol Price: पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि छह गैर-भाजपा शासित राज्यों- पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और झारखंड ने पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट कम नहीं किया है, जिससे वहां पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ गई हैं। पुरी ने लोकसभा में कहा कि केंद्र सरकार ने संकेतों के बाद पेट्रोलियम उत्पादों और कुछ अन्य राज्यों पर उत्पाद शुल्क घटाया है और उनके मूल्य वर्धित कर (वैट) को कम किया है।

विपक्षी सदस्यों के मुखर विरोध के बीच उन्होंने कहा कि छह राज्यों- पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और झारखंड ने वैट को कम नहीं किया है। मंत्री ने कहा, वर्तमान में भारत में पेट्रोल की कीमत सबसे कम है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के कारण तेल विपणन कंपनियों को मिलकर 27,276 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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वैट को कम करने के दबाव डालें

उन्होंने कहा, मेरा सुझाव है कि विपक्ष के सांसद वैट को कम करने के लिए अपनी राज्य सरकारों पर दबाव डालें ताकि वे भी हमारे साथ शामिल हो सकें। पुरी ने कहा कि भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 85 फीसदी से ज्यादा आयात करता है। इसलिए, देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनकी संबंधित कीमतों से जुड़ी हुई हैं।

इनपर निर्भर करती है कीमतें

उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें कच्चे तेल की खरीद मूल्य, विनिमय दर, शिपिंग शुल्क, अंतर्देशीय भाड़ा, रिफाइनरी मार्जिन, डीलर कमीशन, केंद्रीय कर, राज्य वैट और अन्य लागत तत्वों जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करती हैं।

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बता दें कि नवंबर 2020 और नवंबर 2022 के बीच कच्चे तेल की भारतीय टोकरी की औसत कीमत में 102 प्रतिशत (43.34 अमेरिकी डॉलर से 87.55 अमेरिकी डॉलर) की वृद्धि हुई, इस अवधि के दौरान भारत में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में क्रमश: केवल 18.95 प्रतिशत और 26.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (OMCs) द्वारा रिकॉर्ड उच्च अंतरराष्ट्रीय कीमतों के बावजूद 6 अप्रैल, 2022 से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि नहीं की गई है।

परिणामस्वरूप, वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में 28,360 करोड़ रुपये के संयुक्त ‘कर पूर्व लाभ’ के विरुद्ध, तीन OMCs IOCL, BPCL और HPCL ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में 27,276 करोड़ रुपये का संयुक्त नुकसान दर्ज किया है।

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First published on: Dec 16, 2022 12:21 PM
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