Petrol And Diesel Sale Drop In June : जून में गर्मी ने कई रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं। गर्मी के कारण लोग घर से बाहर निकलने में कतरा रहे हैं जिसका असर पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर पड़ा है। जून में पेट्रोल और डीजल की बिक्री में गिरावट आई है। यह गिरावट पिछले कई महीने से जारी है। आश्चर्य की बात है कि चुनावों में तेल की बिक्री बढ़ जाती है लेकिन इस बार यह ट्रेंड पूरी तरह फेल हो गया। चुनाव के समय भी तेल की कीमत में गिरावट रही।
मार्च से घट रही बिक्री
डीजल की बिक्री मार्च से लगातार गिर रही है। मार्च में इसकी बिक्री में 2.7 फीसदी की गिरावट आई थी। वहीं अप्रैल में 2.3 फीसदी और मई में 1.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। बिक्री में यह कमी जून में भी बनी रही। 1 से 15 जून के बीच डीजल की बिक्री में 3.9 फीसदी की कमी आई। यह तब है जब अप्रैल-मई में चुनाव हुए। उम्मीद की जा रही थी कि चुनाव और गर्मी के कारण डीजल की बिक्री बढ़ेगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
सबसे ज्यादा खपत फिर भी बिक्री नहीं
डीजल देश में सबसे ज्यादा खपत होने वाले ईंधन में से एक है। यह सभी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत का लगभग 40 फीसदी है। देश में कुल डीजल बिक्री में परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी 70 फीसदी है। यह हार्वेस्टर और ट्रैक्टर सहित कृषि क्षेत्रों में उपयोग किया जाने वाला प्रमुख ईंधन है। इसके बावजूद भी डीजल की बिक्री उस लेवल की नहीं हुई।
कटौती से भी नहीं पड़ा असर
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मार्च में 2 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई थी। अनुमान था कि इससे पेट्रोल-डीजल की बिक्री में तेजी आएगी। लेकिन यहां भी ऐसा नहीं हुआ। पेट्रोल की बिक्री एक मई से 15 मई के दौरान 14.7 लाख टन रही जो पिछले महीने की तुलना में 3.6 फीसदी कम रही।
इनकी बढ़ गई मांग
एक जून से 15 जून के बीच पेट्रोल और डीजल की मांग बेशक कम हुई हो, लेकिन विमान ईंधन और रसोई गैस की मांग बढ़ गई।
- विमान ईंधन (ATF) की मांग एक जून से 15 जून 2024 के बीच सालाना आधार पर 2.3 फीसदी बढ़कर 3,31,000 टन हो गई।
- रसोई गैस (LPG) की मांग एक जून से 15 जून के दौरान की सालाना आधार पर 0.1 फीसदी बढ़कर 12.4 लाख टन हो गई।
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