Old Pension Scheme: देश में 2023 के मध्य में आम चुनाव होने हैं, लेकिन इससे पहले केंद्र सरकार पर दवाब बढ़ाने के लिए देश में एकबार फिर से पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को लागू करने की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इस बीच राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल कर दिया है। इनमें से चार कांग्रेस या कांग्रेस गठबंधन की ओर शासित राज्य हैं, जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है।
इन पांच राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था (Old Pension Scheme) फिर से लागू होने के बाद अन्य राज्यों पर भी नई की जगह फिर से पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का दवाब बढ़ गया है। लोकसभा चुनाव से पहले जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां कई पार्टियों ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है। कर्नाटक और मध्यप्रदेश बीजेपी शासित राज्य हैं। यहां भी लोग ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग करते हुए राज्य सरकार पर दवाब बढ़ा दिया है।
कर्नाटक में मई जून में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं जबकि इस साल के अंत में मध्यप्रदेश में विधान सभा चुनाव होने हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि यदि राज्य में उनकी सरकार बनी तो वह ओपीएस लागू करेगी। जबकि विधानसभा के बजट सत्र में शिवराज सरकार साफ कर चुकी है कि फिलहाल ओपीएस को लागू करने का उनका कोई विचार नहीं है।
ऐसे में इन राज्यों की सरकारें कर्मचारियों को खुश करने के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने पर विचार कर रही है। हालांक जबतक मोदी सरकार से इन्हें हरी झंडी नहीं मिलती तबतक यह मुमकिन नहीं है।
और पढ़ें- 7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों की बहार, मिलेंगे तीन-तीन तोहफे
दरअसल 1 अप्रैल 2004 को तत्कालीन अलट बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को बंद करने का फैसला किया था। इसके बाद 2004 में ही पुरानी पेशन योजना के बदले राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension System) शुरू की गई थी।
पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत सरकार कर्मचारियों को सेवानिवृत होने के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी। यह उक्त कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतनमान पर आधारित होती थी। इसमें रिटायर कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन का लाभ दिया जाता था। लेकिन नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) के तहत में कर्मचारियों की सैलरी से 10 फीसदी की कटौती होती है।
और पढ़ें- PM Kisan Yojana: अब भी खाते में नहीं आए पैसे? इन नंबरों पर करें कॉल
इसके साथ ही पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा भी मिलती थी। वहीं नई पेंशन स्कीम में यह व्यवस्था नहीं है। इसमें पेंशन के तौर पर कितनी रकम मिलेगी, इसकी गारंटी भी नहीं मिलती है। नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है, जबकि पुरानी पेंशन स्कीम में ऐसा कुछ भी नहीं था।