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नए इनकम टैक्स बिल में कोई बड़ा बदलाव नहीं, दावों की खुली पोल

New Income Tax Bill 2025: नए इनकम टैक्स बिल 2025 को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहें उड़ रही हैं कि अब अधिकारी आपकी ईमेल और सोशल मीडिया चेक कर सकते हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और है। जानिए कि क्या वाकई कोई बड़ा बदलाव हुआ है या ये सिर्फ डर फैलाने की कोशिश है?

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: Mar 9, 2025 16:17
New Income Tax Bill 2025
New Income Tax Bill 2025

New Income Tax Bill 2025: क्या सरकार अब आपकी ईमेल और सोशल मीडिया चेक कर सकती है? इस सवाल ने हाल ही में लोगों के मन में डर और चिंता पैदा कर दी है। सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलीं कि नए इनकम टैक्स बिल 2025 में कर अधिकारियों को आपके डिजिटल रिकॉर्ड तक पहुंचने के नए अधिकार दिए गए हैं। लोग परेशान होने लगे कि कहीं उनकी निजी जानकारी खतरे में तो नहीं? लेकिन CBDT के सूत्रों ने इन दावों को गलत बताया है। असल में, सरकार ने कोई नया कानून नहीं बनाया, बल्कि पहले से मौजूद नियमों को ही दोहराया है, जो केवल खास मामलों में लागू होते हैं।

नए टैक्स बिल में कोई नई शक्ति नहीं

ANI की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के सूत्रों ने साफ किया है कि नए इनकम टैक्स बिल 2025 में टैक्स अधिकारियों को कोई नई शक्तियां नहीं दी गई हैं। कुछ खबरों में दावा किया जा रहा था कि अब अधिकारी ईमेल, सोशल मीडिया और डिजिटल डाटा तक पहुंच सकते हैं, लेकिन यह सच नहीं है। CBDT के अनुसार, इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 की धारा 132 पहले से ही अधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की जांच और जब्त करने का अधिकार देती है। इसके अलावा, धारा 2(22AA) में ‘दस्तावेज’ की परिभाषा में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड भी शामिल है। इसलिए नए कानून में कोई अतिरिक्त शक्तियां नहीं दी गई हैं और इस तरह की खबरें गलत हैं।

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‘दस्तावेज’ में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड भी शामिल

सूत्रों ने बताया कि इनकम टैक्स बिल 2025 की धारा 247 में यह साफ किया गया है कि अधिकारी जरूरत पड़ने पर किसी कंप्यूटर या डिजिटल डाटा का एक्सेस कोड ओवरराइड कर सकते हैं। लेकिन यह कोई नया नियम नहीं है, बल्कि पहले से मौजूद कानून का ही हिस्सा है। यह अधिकार केवल तब इस्तेमाल किया जाता है, जब जांच के दौरान कोई व्यक्ति सहयोग नहीं करता। यानी अगर जांच में कोई दिक्कत आती है, तभी अधिकारी डिजिटल डाटा तक पहुंच बना सकते हैं।

जांच में सहयोग न करने पर ही एक्सेस

CBDT के मुताबिक, यह कोई रोजमर्रा की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि खास परिस्थितियों में ही लागू होती है। पहले भी इनकम टैक्स अधिनियम 1961 में यही नियम था और नए इनकम टैक्स बिल 2025 में इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने जुलाई 2024 के बजट में पुराने इनकम टैक्स कानून की समीक्षा करने का प्रस्ताव रखा था ताकि इसे और आसान और स्पष्ट बनाया जा सके साथ ही विवाद और मुकदमे भी कम किए जा सकें।

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टैक्स कानूनों को सरल बनाने की कोशिश

नए इनकम टैक्स बिल को 13 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया था। यह बिल पुराने इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 की जगह लेने के लिए लाया गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने इस बिल की जांच के लिए 31 सांसदों की एक समिति बनाई है। इस बिल का मकसद टैक्स कानूनों को आधुनिक बनाना, नियमों को साफ करना और टैक्स देने वालों को राहत देना है। इसमें आम लोग बिजनेस और गैर-लाभकारी संस्थाएं भी शामिल हैं।

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Edited By

Ashutosh Ojha

First published on: Mar 09, 2025 03:36 PM

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