Highway Milestone: हमारे आसपास कई ऐसी चीजें होती हैं, जिनको हम रोज आते जाते देखते हैं। लेकिन इनपर कभी ध्यान नहीं देते हैं। जैसे मेट्रो पर उथली पीली पट्टी क्यों बनी होता है? या हाइवे पर कई रंगों के पत्थर क्यों लगे होते हैं? क्या आपने कभी सोचा है कि ये अलग अलग कलर के क्यों होते हैं? आज आपको बताएंगे ये पीले, लाल, हरे या नारंगी रंग के क्यों होते हैं।
पीले कलर का माइलस्टोन
हाइवे पर अक्सर ट्रैवल के दौरान आपने पीले रंग का माइलस्टोन देखा ही होगा। उसपर दूरी और जगह का नाम लिखा रहता है। कई पर नंबर लिखे रहते हैं। पीले रंग के पत्थर की बात करें तो ये आपको बताता है कि आप नेशनल हाइवे पर सफर कर रहे हैं। पीले रंग का पत्थर केवल नेशनल हाइवे के लिए होता है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की देखरेख में इसका निर्माण किया जाता है। इस हाईवे का इस्तेमाल ज्यादातर एक राज्य से दूसरे राज्य को जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
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हरे रंग का माइलस्टोन
किसी रोड पर अगर आपको हरी पट्टी वाला पत्थर दिखता है तो इसका मतलब है कि इस रोड की देखरेख राज्य करती है। इस हाईवे का ज्यादातर इस्तेमाल एक जिले से दूसरे जिले को जोड़ने के लिए किया जाता है। इस हाईवे की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है।
काले, सफेद या नीले रंग का माइलस्टोन
किसी सड़क पर काले, नीले या सफेद रंग के पत्थर दिखाई देते हैं तो आप समझ जाइये कि आप किसी बड़े शहर या जिले में हैं। इन सड़को की देखरेख की जिम्मेदारी शहर के नगर निगम की होती है। जैसा कि नाम से पता चलता है, जिला सड़कें एक जिले के अंदर कनेक्टिविटी देती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्तमान में, जिला सड़कों की लंबाई 6,32,154 किलोमीटर किमी है। इसमें से 14.80% सड़कें पक्की बनी हैं।
नारंगी माइलस्टोन
ऊपर जिन पत्थरों की बात की वो सभी शहरों, राज्यों और जिलों की जानकारी देते हैं। जबकि नारंगी माइलस्टोन एक गांव में प्रवेश करने को दर्शाता है। ये नारंगी पट्टियां प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से भी जुड़ी होती है।
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