Jammu And Kashmir Road Projects: जम्मू और कश्मीर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत करीब 3500 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। इन परियोजनाओं में 217 पुलों का निर्माण भी शामिल है। यह जानकारी रविवार को ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव अमित शुक्ला की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में सामने आई है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि इस मीटिंग में जम्मू-कश्मीर में PMGSY के तहत हो रहे काम की पूरी जानकारी ली गई।
ग्रामीण इलाकों को कनेक्टिविटी देना
अधिकारियों ने बताया कि समीक्षा में परियोजना को जल्द से जल्द पूरा पर जोर दिया गया। साथ ही गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित करने और ग्रामीण क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को जम्मू-कश्मीर में 2001-02 में शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य 2001 की जनगणना के मुताबिक, 250 से ज्यादा जनसंख्या वाले ग्रामीण इलाकों को हर मौसम में कनेक्टिविटी देना था।
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इस योजना के तहत अब तक जम्मू-कश्मीर के लिए कुल 3742 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी, जिसमें 305 पुलों का निर्माण भी शामिल है। इसकी कुल सड़क लंबाई 20801 किलोमीटर है। इसके अलावा 2140 ऐसी बस्तियों को कनेक्टिविटी मिलेगी, जिसमें केवल 250 से ज्यादा जनसंख्या है।
अब तक कितना काम हुआ पूरा?
इन परियोजनाओं में से 217 पुलों समेत 3429 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। अब तक 2140 में से 2129 बस्तियों को जोड़ा जा चुका है। इस परियोजना के तहत कुल 12650 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जम्मू और कश्मीर में पिछले 5 सालों में ज्यादा ध्यान दिया गया है। जिसमें पहाड़ी क्षेत्रों में ग्रामीण कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह सभी परियोजनाएं सबका साथ, सबका विकास के सिद्धांत के साथ पूरी की जा रही हैं।
मीटिंग में यह भी बताया गया कि कनेक्टिविटी से किस तरह का बदलाव देखने को मिला है। तो आपको बता दें कि इससे स्थानीय लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। जिससे उनकी रोजमर्रा का जिंदगी आसान हो गई है। उनकी पहुंच शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार में भी आसान हुई है।
इसके अलावा संयुक्त सचिव अमित शुक्ला ने परियोजनाओं के काम में गुणवत्ता मानकों का पालन करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि टिकाऊ और सुरक्षित बुनियादी ढांचे को तैयार करना बहुत जरूरी है। जिससे लंबे समय तक लोगों को सेवा मिलती रहे। इसके लिए उन्होंने डेली मॉनिटरिंग सिस्टम की जरूरत पर बल दिया, जिससे काम में आने वाली किसी भी परेशानी को एकदम से हल किया जा सके।
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