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न द‍िल्‍ली, न बेंगलुरु, ये शहर बना देश का पहला ब‍िना ट्रैफ‍िक लाइट वाला शहर; जानें कैसे कंट्रोल होता है ट्रैफ‍िक

चाहे आप क‍िसी भी शहर में रहते हों, आपको ट्रैफ‍िक स‍िग्‍नल तो जरूर म‍िलता होगा. लेक‍िन देश का एक ऐसा शहर भी है, जहां ट्रैफिक लाइट है ही नहीं. जी हां आपने ब‍िल्‍कुल ही पढ़ा है. आइये आपको इस शहर के बारे में बताते हैं.

Author Written By: Vandana Bharti Author Published By : Vandana Bharti Updated: Nov 17, 2025 14:22

India First City Without Traffic Lights: आप जरा सोच‍िए क‍ि आप किसी व्यस्त भारतीय शहर से गुजर रहे हों और आपको क‍िसी लाल बत्ती पर रुकने की जरूरत न पड़े. ये मजाक नहीं है और न ही कल्‍पना है. भारत के एक शहर में ऐसा हकीकत में हो रहा है. जी हां, राजस्‍थान का कोटा देश का पहला ऐसा शहर बन गया है, ज‍िसे ट्रैफिक-लाइट-फ्री शहर कहा गया है.

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कैसे संभव हुआ ये ?
दरअसल, कोटा के शहरी सुधार ट्रस्ट ने सड़कों को नया रूप दिया है. फ्लाईओवर बनाए और बिना सिग्नल के वाहनों को चलते रहने के लिए बेहतर समन्वय स्थापित किया है. नतीजा ये हुआ क‍ि ये एक ऐसा शहर बन गया है जहां आने जाने के ल‍िए तेज, साफ-सुथरा और आश्चर्यजनक रूप से शांत ट्रैफ‍िक है.

मोब‍िल‍िटी बनाए रखने के ल‍िए यहां दर्जनों फ्लाईओवर बनाए गए और अंडर पास तैयार क‍िए गए.

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अपने कोचिंग सेंटरों के लिए जाना जाने वाला कोटा अब इस बात की नई कल्पना के लिए सुर्खियां बटोर रहा है कि भीड़ होने के बावजूद कैसे भारतीय शहर रुकने के बजाय व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ सकते हैं.

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क्‍या है असका असर?
ट्रैफ‍िक लाइट्स न होने के कारण शहर में न केवल एक्‍स‍िडेंट्स कम हुए, बल्‍क‍ि तेल की खपत भी कम हुई. इससे ट्रैवल टाइम‍िंग कम हुई और इससे पर्यावरण को भी फायदा हुआ.

दूसरे शहरों के ल‍िए ये एक अच्‍छा उदाहरण है और इसने ये साब‍ित कर द‍िया है क‍ि अगर समझदारी के साथ शहरी ड‍िजाइन और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में न‍िवेश क‍िया जाए तो ये ट्रेड‍िशनल ट्रैफ‍िक स‍िस्‍टम से बेहतर हो सकता है और इससे सुरक्षा में सुधार होगा.

कोटा में लाखों और हजारों की संख्‍या में छात्र रहते हैं. ट्रैफ‍िक फ्री शहर होने की वजह से उनका समय ट्रैफ‍िक में जाया नहीं होता.

First published on: Nov 17, 2025 02:22 PM

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