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सेब से संगमरमर और शेयर तक… भारत के फैसले से तुर्की को बड़ा झटका

भारत और तुर्की के रिश्तों में अब कड़वाहट आ गई है। तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया और भारत के खिलाफ बातें कही, जिससे भारत ने सख्त कदम उठाया। अब तुर्की की कंपनियों, सामान और घूमने की जगहों का भारत में विरोध हो रहा है।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: May 16, 2025 20:21
Celebi share drop Turkish company India
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भारत और तुर्की के रिश्तों में इन दिनों भारी तनाव देखा जा रहा है। एक तरफ भारत ने तुर्की की एक बड़ी एयरपोर्ट कंपनी को देश से बाहर का रास्ता दिखा दिया, तो दूसरी तरफ तुर्की के बाजार में इसके गहरे झटके महसूस किए गए। यह सब हुआ तुर्की द्वारा पाकिस्तान का खुला समर्थन करने और भारत के खिलाफ बयान देने के बाद। सोशल मीडिया पर तुर्की के खिलाफ गुस्सा उफान पर है और लोग अब उसके सामान और पर्यटन से भी दूरी बना रहे हैं। यह सिर्फ व्यापार का मुद्दा नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा मामला बन चुका है।

भारत सरकार की सख्त कार्रवाई और सेलेबी कंपनी की मुश्किलें

भारत सरकार ने देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तुर्की की एक बड़ी कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी है। यह कंपनी देश के कई प्रमुख एयरपोर्ट्स पर ग्राउंड हैंडलिंग की सेवाएं दे रही थी, जैसे कि दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई। सरकार का कहना है कि यह कदम “राष्ट्रीय सुरक्षा के हित” में उठाया गया है। इसके बाद दिल्ली एयरपोर्ट को चलाने वाली कंपनी DIAL ने भी सेलेबी के साथ अपने सभी कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिए हैं। अब एयरपोर्ट पर कामकाज की जिम्मेदारी AISATS और ब्रिज ग्रुप जैसी दूसरी कंपनियों को सौंपी गई है। भारत के इस फैसले से तुर्की की कंपनी के शेयर इस्तांबुल स्टॉक एक्सचेंज में 10% गिर गए।

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पाकिस्तान के समर्थन पर भारत की सख्त नाराजगी

यह मामला तब गरमा गया जब तुर्की ने खुलेआम पाकिस्तान का समर्थन किया और भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की आलोचना की। ऑपरेशन सिंदूर हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना की ओर से चलाया गया था। तुर्की के पाकिस्तान के साथ खड़े होने और भारत विरोधी बयानबाजी से देशभर में गुस्सा फैल गया। सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey अभियान तेज हो गया और लोग तुर्की से आने वाले सामानों का विरोध करने लगे। इसी के बाद से सेलेबी कंपनी पर कार्रवाई की मांग भी बढ़ी, जिसे सरकार ने गंभीरता से लिया और कंपनी की भारत में काम करने की अनुमति रद्द कर दी।

व्यापार और पर्यटन पर पड़ा असर

भारत और तुर्की के बीच व्यापार में भारत को फायदा होता है, क्योंकि भारत तुर्की को ज्यादा सामान निर्यात करता है। साल 2024-25 के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने तुर्की को करीब 5.2 अरब डॉलर का सामान बेचा, जबकि तुर्की से सिर्फ 2.84 अरब डॉलर का सामान खरीदा गया। तुर्की से भारत में सेब, संगमरमर, तेल और सोना आता है, लेकिन अब व्यापारी तुर्की से सामान लेना बंद कर रहे हैं। महाराष्ट्र और राजस्थान के व्यापारियों ने तुर्की के सेब और मार्बल पर बहिष्कार का ऐलान किया है। इसके साथ ही पर्यटन क्षेत्र में भी तुर्की को बड़ा नुकसान हुआ है। फ्लाइट बुकिंग में 60% की गिरावट आई है और यात्रा रद्द करने की दर 250% तक बढ़ गई है। ट्रैवल एजेंसियों ने भी तुर्की जाने से बचने की सलाह दी है।

भारत की पुरानी मदद और तुर्की की बदलती भूमिका

भारत ने साल 2023 में तुर्की में आए भूकंप के समय ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत मदद भेजी थी, जिसमें राहत सामग्री और मेडिकल टीमें शामिल थीं। उस समय भारत ने बिना किसी राजनीतिक मतभेद के इंसानियत के नाते तुर्की की मदद की थी। लेकिन अब तुर्की के राष्ट्रपति द्वारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को “प्रिय भाई” कहे जाने और भारत विरोधी बयान देने से भारतीय जनता नाराज है। सरकार ने भले ही अभी तक तुर्की के साथ व्यापारिक रिश्ते पूरी तरह खत्म नहीं किए हों, लेकिन लोगों के बहिष्कार और सोशल मीडिया अभियान के कारण तुर्की की अर्थव्यवस्था पर असर साफ दिखाई दे रहा है। यह मामला भारत के लिए सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वाभिमान से जुड़ा विषय बन गया है।

First published on: May 16, 2025 08:21 PM

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