Income Tax Return Update: इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 है. ऐसे में इनकम टैक्स रिटर्न भरने में 4 दिन बाकी रह गए हैं तो लोगों को सब काम छोड़कर जल्द से जल्द इनकम टैक्स रिटर्न फाइनल कर लेना चाहिए, क्योंकि ITR भरने की तारीख के आगे बढ़ने की उम्मीद नहीं है और अगर 15 सितंबर तक ITR नहीं भर पाए तो नुकसान उठाना पड़ सकता है. पेनल्टी भरने से लेकर विभागीय जांच तक झेलनी पड़ सकती है. आइए जानते हैं कि ITR भरने से चूक गए तो क्या नुकसान होगा और कितना जुर्माना भरना पड़ सकता है?
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ITR जल्दी फाइल करना ही बेहतर
इनकम टैक्स रिटर्न समय से पहले फाइल करना ही बेहतर माना जाता है, क्योंकि करोड़ों लोग इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं. ऐसे में वेबसाइड डाउन हो सकती है. ऐसा होने पर आप रिटर्न भरने से चूक सकते हैं और आयकर कानून के तहत वर्णित जुर्माने, ब्याज और विभागीय जांच झेलनी पड़ सकती है. आखिरी दिनों में इनकम टैक्स भरने में जल्दबाजी होगी तो गलती होन के चांस ज्यादा होते हैं, जो नुकसान करा सकता है. जल्दी ITR भरने पर रिफंड भी जल्दी मिल सकता है, जिससे फायदा होगा.
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की तारीख चूकने पर आयकर अधिनियम 1961 के तहत दंड, जुर्माना, नोटिस तक जारी हो सकता है आइए डिटेल में जानते हैं…
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इनकम वाइज लेट फीस
अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न तय तारीख तक नहीं भरते हैं तो आयकर कानून 1961 की धारा 234F के तहत लेट फीस भरनी होगी. करीब 5000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. वहीं जुर्माना इनकम वाइज भी भरना पड़ सकता है. अगर कोई देनदारी नहीं है या जीरो ITR भर रहे हैं, तब भी इतना ही जुर्माना देना पड़ सकता है.
प्रति माह ब्याज लगेगा
अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न तय तारीख तक नहीं भरते हैं तो आयकर कानून 1961 की धारा धारा 234A, 234B और 234C के तहत ब्यान देना होगा. एक प्रतिशत प्रति माह की दर से ब्याज लगेगा. धारा 234A अगर टक्क्स बकाया है तो जितनी देरी से टैक्स भरेंगे, उतने महीने एक प्रतिशत की दर से ब्याज भरना पड़ेगा. अगर एडवांस टैक्स नहीं भरा हो तो अतिरिक्त ब्याज लगेगा.
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नुकसान एडजस्ट नहीं होगा
अगर इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख निकल जाती है तो बिजनेसा या प्रॉपर्टी से होने वाले नुकसान को एडजस्ट नहीं कर पाएंगे. कैपिटल लॉस हो या बिजनेस लॉस अगले 8 साल तक इनकम टैक्स में उसे समायोजित करने का हक खो देंगे. ऐसे में लोगों को खुद ही नुकसान की भरपाई करनी होगी. आयकर विभाग से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है.
रिफंड होने में देरी होगी
अगर इनकम टैक्स रिटर्न भरना भूल जाते हैं और तय तारीख निकल जाती है तो इनकम टैक्स रिफंड देरी हो होगी. रिफंड होने में कई महीने लग सकते हैं, क्योंकि आयकर विभाग तारीख वाइज भरे गए इनकम टैक्स रिटर्न को पहले प्राथमिकता देगा. अन्यथा रिफंड की बात करें तो लोगों ने जल्दी ITR भरकर एक से 12 घंटे के अंदर रिफंड हासिल किया है.
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विभागीय जांच का डर
इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख चूकने पर सबसे बड़ा नुकसान विभागीय जांच का उठाना पड़ सकता है. आयकर विभाग धारा 143(1) या 142(1) के तहत नोटिस भेजकर इनकम और प्रॉपर्टी की जांच करा सकता है, जिसके तहत अगर विसंगतियां मिलीं तो भारी आर्थिक नुकसान, सजा, दंड, जुर्माना झेलना पड़ सकता है. आयकर विभाग की छापेमारी भी हो सकती है.
आयकर विभाग को अगर कर चोरी का संदेह हुआ या जांच करने पर पता चला कि इनकम जानबूझकर छिपाई गई है तो धारा 276CC के तहत 7 साल तक की जेल हो सकती है.