How Big Pan Masala or Gutkha Business: क्या आपको पता है कि सड़क किनारे लगी पान की दुकान की शोभा बढ़ाने वाले विमल, रजनीगंधा, शिखर और कमला पंसद जैसे पान मसाला का कारोबार कितना बड़ा है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि 2 से 5 रुपए तक में बिकने वाला ये पान मसाला या गुटखे का कारोबार बिस्टिक और टॉक्लेट जैसे प्रोडक्ट से भी ज्यादा बड़ा है। इसके बारे में जानने के बाद आपका भी दिमाग चकरा जाएगा।
इतना बड़ा है गुटखे का कारोबार
पान की टपरी पर छोटे- छोटे पैकेट में मिलने वाले इस गुटखे का कारोबार 41, 821 करोड़ का है। अब आपको ये समझ आ गया होगा कि आखिर छोटे से पैकेट को बेचने के लिए टीवी पर तीन-तीन फिल्मी सितारे कैसे आ जाते हैं। भारत सरकार ने साल 2012 में गुटखा और तंबाकू को पूरे देश में बैन कर दिया था। अब सवाल ये उठता है कि क्या बैन के बाद भारत में गुटखा और तंबाकू पूरी तरह से बंद हो गया। हमे नहीं लगता कि जवाब बताने की जरूरत है, पान की टपरी और छोटे दुकानों पर इसका बेहतर जवाब दूर से ही दिखता है।
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तंबाकू बेचने पर सजा का प्रवधान
हालांकि, अधिनियम की धारा 22 के अनुसार किसी भी तरह से तंबाकू से बने प्रोडक्ट को बेचना पूरी तरह से गैरकानूनी है। इसका उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा 5 के तहत दोषी को 2 साल तक की कैद या 10 हजार रुपए तक का जुर्माना ना पड़ सकता है।
गुटखा और तंबाकू की मार्केटिंग
बता दें कि, गुटखा और तंबाकू इंडस्ट्री के मार्केट्स बहुत ही चलाक है। बैन के बाद टीवी पर खुलेआम तो गुटखा और तंबाकू को प्रोमोट नहीं कर सकते इसलिए वो सिल्वर इलाइची और केसर टेस्ट के नाम के प्रोडक्ट को टीवी पर प्रोमोट करते हैं। इन प्रोडक्ट की पैकिंज बिल्कुल गुटखा और तंबाकू का कॉपी- पेस्ट होती है। आज के समय में तंबकू इंडस्ट्री के अंदर कुल 4.5 करोड़ लोग काम करते हैं।