GST Council Meeting : शनिवार को GST काउंसिल की 53वीं बैठक हुई। इस बैठक में रेलवे टिकट से लेकर सोलर कुकर और स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल की फीस समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि स्टूडेंट्स को हॉस्टल फीस में लगने वाले जीएसटी में राहत दी जाएगी। सभी प्रकार के दूध के डिब्बों पर जीएसटी दर एक जैसी कर दी गई है। इनके अलावा और भी कई चीजों पर जीएसटी से संबंधित फैसले लिए गए। वहीं लोगों को उम्मीद थी कि इस मीटिंग में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है, जो नहीं हुआ। आज यह बैठक करीब 8 महीने बाद हुई। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में यह पहली बैठक थी।
हॉस्टल में मिली छूट
जीएसटी की मीटिंग के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने बताया कि जीएसटी काउंसिल ने शैक्षणिक संस्थानों के बाहर हॉस्टल के रूप में दी जाने वाली सेवाओं के लिए प्रति व्यक्ति प्रति माह 20 हजार रुपये की छूट दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह छूट स्टूडेंट्स या कामकाजी वर्ग के लिए है। हालांकि इसका लाभ तभी मिलेगा जब हॉस्टल में कम से कम 90 दिन रहना होगा।
👉 Recommendations of 53rd GST Council Meeting
👉 GST Council recommends waiving interest and penalties for demand notices issued under Section 73 of the CGST Act (i.e. the cases not involving fraud, suppression or wilful misstatement, etc.) for the fiscal years 2017-18, 2018-19… pic.twitter.com/3UL195hpE6
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सभी प्रकार के दूध के डिब्बों पर एक जैसी जीएसटी
देश भर में सभी प्रकार के दूध के डिब्बों पर अब एक जैसा जीएसटी लगेगा। यह दर 12 फीसदी रहेगी। इस फैसले का मतलब हुआ कि अब आप किसी भी प्रकार की पैकिंग (स्टील, लोहा, एल्युमीनियम आदि) में दूध लेते हैं तो सभी पर एक समान जीएसटी (12 फीसदी) लगेगा। इसके अलावा मीटिंग में यह भी फैसला हुआ कि सभी कार्टन बॉक्स और केस पर 12 फीसदी की एक समान जीएसटी दर लगेगी। इससे हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों को विशेष रूप से मदद मिलेगी और सेब सस्ता हो सकता है।
वे चीजें जिन पर नहीं हुआ कोई फैसला
इस मीटिंग में काफी चीजों पर फैसला नहीं हुआ। उम्मीद की जा रही थी कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है जिससे इसकी कीमत कम हो जाती। वहीं इंश्योरेंस पर भी जीएसटी कम होने की उम्मीद थी, जो नहीं हुई। इस बारे में कन्फेडरेशन ऑफ जनरल इंश्योरेंस एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी मांग की थी कि इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी को कम किया जाए। एसोसिएशन के संयोजक लोकेश केसी ने बताया कि एसोसिएशन ने इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जाए। साथ ही इस मीटिंग में ऑनलाइन गेमिंग पर लगने वाले जीएसटी को लेकर भी चर्चा नहीं हुई।
अलगी बैठक से कुछ उम्मीद
जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक बजट के बाद अगस्त में होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि समय कम होने के कारण हम सीमित विषयों पर ही इस मीटिंग में चर्चा कर रहे हैं। बजट सत्र के बाद एक जीएसटी की काउंसिल की एक और मीटिंग होगी। उसमें कुछ और बातों को शामिल किया जाएगा।
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