Crypto Market News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएस क्रिप्टो स्ट्रैटेजिक रिजर्व में शामिल करने के लिए कुछ नाम फाइनल किए हैं। इस खबर से क्रिप्टो मार्केट को सपोर्ट मिला है, जो पिछले कुछ दिनों से नरमी का सामना कर रहा था। ट्रंप ने पहले रिपल (XRP), सोलाना (SOL) और कार्डानो (ADA) को रिजर्व में शामिल करने का ऐलान किया। फिर कुछ देर बार बिटकॉइन और एथेरियम को अपनी पसंदीदा क्रिप्टो बताते हुए उन्हें क्रिप्टो रिजर्व का हार्ट करार दिया। इस तरह इन पांच डिजिटल करेंसी का यूएस क्रिप्टो स्ट्रैटेजिक रिजर्व का हिस्सा बनना लगभग तय हो गया है।
मजबूती की है उम्मीद
हाल के दिनों में बिटकॉइन की कीमत 80 हजार डॉलर के नीचे पहुंच गई थी, लेकिन अब यह फिर से 85 हजार डॉलर की तरफ बढ़ रही है। 4 मार्च के शुरुआती कारोबार में बिटकॉइन की कीमत 83,833.04 डॉलर है। डोनाल्ड ट्रंप की यूएस क्रिप्टो स्ट्रैटेजिक रिजर्व को लेकर घोषणा के बाद इन सभी करेंसी में उछाल देखने को मिला है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले दिनों में ये क्रिप्टोकरेंसी और मजबूती हासिल कर सकती हैं।
लगाए जा रहे कयास
डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावी अभियान के दौरान क्रिप्टो रिजर्व का वादा किया था, जिसे उन्होंने पूरा भी किया है। लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इसकी क्या भूमिका होगी और इसमें शामिल होने वाली करेंसी को क्या लाभ मिलेगा। आधिकारिक तौर पर इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है। केवल कयास ही लगाए जा रहे हैं। हालांकि, जल्द ही इसकी पूरी जानकारी सामने आ सकती है।
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पहली क्रिप्टो समिट
शुक्रवार 7 मार्च को व्हाइट हाउस में पहली क्रिप्टो समिट आयोजित होने जा रही है। इस समिट में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्रिप्टो इंडस्ट्री के CEOs को संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि इसमें भी कुछ बड़े ऐलान हो सकते हैं और यूएस क्रिप्टो स्ट्रैटेजिक रिजर्व की भूमिका भी स्पष्ट हो सकती है। जानकारों का कहना है कि इस समिट से क्रिप्टो मार्केट के लिए आगे की दिशा तय होगी।
जांच पर लगाई रोक
डोनाल्ड ट्रंप शुरुआत से ही क्रिप्टो समर्थक रहे हैं। उनकी टीम में शामिल एलन मस्क और प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (SEC) के चीफ पॉल एटकिन्स भी इस डिजिटल करेंसी को सपोर्ट करते हैं। ऐसे में ट्रंप प्रशासन की नीतियां क्रिप्टो करेंसी के हित पर ही केंद्रित रहेंगी। यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालते ही क्रिप्टो से जुड़ी कई कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई रोक दी गई है। प्रतिभूति उल्लंघन के आरोप का सामना कर रही रॉबिनहुड और कॉइनबेस के खिलाफ अब कोई जांच नहीं हो रही है। रॉबिनहुड के सीईओ व्लाद टेनेव ने कुछ वक्त पहले कहा था कि उन्होंने ट्रंप के इलेक्शन कैंपेन फंड में 2 मिलियन डॉलर का योगदान दिया है।