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Dr. Manmohan Singh: वो 5 बड़े फैसले, जिन्होंने बदल दी देश की दिशा

India's Reformist Leader: डॉ. मनमोहन सिंह ने देश के आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने देशवासियों के लिए कुछ क्रांतिकारी योजनाओं की भी शुरुआत की थी।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Dec 27, 2024 13:04
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Former PM Manmohan Singh
Former PM Manmohan Singh

Major Reforms by Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन अपने आर्थिक सुधारों के लिए वह हमेशा याद किए जाएंगे। वित्त मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक उन्होंने देश को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए अनगिनत प्रयास किए। उन्होंने आर्थिक विकास की राह में आने वाली बाधाओं को पहचाना और देश की अर्थव्यवस्था को उससे बाहर निकालने में कामयाब रहे। आइए भारत की इकॉनमी को आकार देने वाले उनके कुछ प्रमुख नीतिगत निर्णयों के बारे में जानते हैं।

आर्थिक उदारीकरण

1991 में वित्त मंत्री के रूप में, डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था को उदार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान, उन्होंने व्यापार में आने वाली बाधाओं को कम करने, लाइसेंस राज प्रणाली को खत्म करने और प्रमुख क्षेत्रों को विदेशी निवेश के लिए खोलने जैसे साहसी फैसले लिए। इन सुधारों ने भारत के आर्थिक विकास और वैश्वीकरण को गति दी। मनमोहन सिंह का 1991 का बजट देश की अर्थव्यवस्था की तस्वीर बदलने वाला बजट रहा।

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राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA)

वित्त मंत्री के बाद जब मनमोहन सिंह ने देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली , तब भी उनका मुख्य फोकस आर्थिक सुधार रहा। डॉ. सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम पेश किया, जिसका बाद में नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) कर दिया गया। इसके तहत, प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी जाती है, जिससे खासतौर पर ग्रामीणों की आजीविका में बड़ा सुधार देखने को मिला।

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सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI)

सूचना के अधिकार के तहत आज आम आदमी जिस महत्वपूर्ण जानकारी को हासिल करने का अधिकार रखता है, उसकी शुरुआत भी मनमोहन काल में हुई। डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने जून 2005 में सूचना का अधिकार (RTI) कानून लागू किया। इसका उद्देश्य सरकारी कामकाज में पारदर्शिता, जवाबदेही बढ़ाने और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के भीतर भ्रष्टाचार को रोकना है।

भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता 

डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 2005 में भारत-अमेरिका के बीच असैन्य परमाणु समझौता हुआ, जिसे 123 Agreement के नाम से भी जाना जाता है। इस ऐतिहासिक समझौते ने भारत और अमेरिका के बीच असैन्य परमाणु सहयोग को बेहतर किया, जिससे भारत को अपने ‘सिविलियन न्यूक्लियर एनर्जी प्रोग्राम’ के लिए न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी और फ्यूल तक पहुंच प्राप्त हुई। यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण थी कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।

देश को मिला अपना ‘आधार’

डॉ. सिंह के कार्यकाल की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में आधार कार्ड (Aadhaar Card) की शुरुआत भी शामिल है। जनवरी 2009 में देश के निवासियों को विशिष्ट पहचान प्रदान करने के लिए इसकी शुरुआत हुई थी। आज आधार कई योजनाओं के लाभ की गारंटी बन गया है। इसके अलावा, मनमोहन सिंह को गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू करने के लिए भी याद किया जाएगा।

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News24 हिंदी

First published on: Dec 27, 2024 01:04 PM

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