अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप राज शुरू होने का सबसे बड़ा फायदा क्रिप्टो बाजार से जुड़ी कंपनियों और उनके अधिकारियों को मिला है। ट्रंप प्रशासन पूर्व सरकार के कार्यकाल में क्रिप्टो कंपनियों के खिलाफ शुरू हुई जांच और मुकदमों को बंद करने पर जोर दे रहा है। इसका सबसे ताजा उदहारण Ripple है, जिसके खिलाफ चल रहे मामले को अब यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) आगे बढ़ाने के मूड में नहीं है।
XRP के दाम 11% उछले
रिपल सीईओ ब्रैड गार्लिंग हाउस ने बताया है कि यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) कंपनी के खिलाफ चल रहे लीगल केस को आगे नहीं बढ़ाना चाहता। इस खबर के सामने आने के बाद क्रिप्टोकरेंसी XRP के दाम में 11% का उछाल देखने को मिला है। रिपल XRP के नाम से अपनी क्रिप्टोकरेंसी चलाती है। 2020 में SEC ने रिपल के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। उसका कहना था कि कंपनी ने बिना रजिस्ट्रेशन के XRP बेचकर यूएस सिक्योरिटीज कानून का उल्लंघन किया है।
89 के खिलाफ केस बंद
वैसे, अकेले रिपल ही नहीं है, जिसके प्रति ट्रंप प्रशासन नरम नजर आ रहा है। अब तक कई कंपनियों के खिलाफ जांच और मामले बंद किए गए हैं। पिछले महीने, SEC ने कॉइनबेस के खिलाफ अपने प्रवर्तन मामले को समाप्त कर दिया। इसके अलावा, रॉबिनहुड की क्रिप्टो इकाई, यूनिस्वैप, जेमिनी और कॉन्सेनस के खिलाफ भी जांच रोक दी गई। एक रिपोर्ट बताती है कि बीते एक महीने से भी कम समय में नई अमेरिकी सरकार ने कम से कम 89 कंपनियों के खिलाफ मुकदमों या जांच को रोक दिया है। यह उन प्रमुख इन्वेस्टीगेशन का एक चौथाई हिस्सा है, जो पूर्व सरकार के समय शुरू की गई थीं।
डोनेशन का मिला लाभ
हाल ही में क्रिप्टो एक्सचेंज Kraken ने बताया था कि SEC ने बिना किसी दंड के उसके खिलाफ चल रहे मामले को बंद करने पर सहमति जताई है, जिसके तहत कंपनी पर अपंजीकृत प्रतिभूति एक्सचेंज के रूप में कार्य करने का आरोप लगाया गया था। Kraken ने इसके लिए नई सरकार की जमकर प्रशंसा की थी। बताया जाता है कि कॉइनबेस ने राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया था और लाखों डॉलर दान किए थे। इसका फायदा कंपनी को हाल ही में मिला जब उसके खिलाफ चल रहा केस बंद कर दिया गया। रॉबिनहुड के सीईओ व्लाद टेनेव ने कुछ वक्त पहले कहा था कि उन्होंने ट्रंप के इलेक्शन कैंपेन फंड में 2 मिलियन डॉलर का योगदान दिया है।
अब तक कई कदम उठाए
डोनाल्ड ट्रंप क्रिप्टो समर्थक हैं और चुनावी अभियान में ही उन्होंने क्रिप्टो को लेकर बड़े वादे किए थे। सत्ता संभालने के बाद उन्होंने इस डिजिटल करेंसी को मजबूत करने के लिए कई कदम भी उठाये हैं। उन्होंने कुछ समय पहले यूएस क्रिप्टो स्ट्रैटेजिक रिजर्व में शामिल करने के लिए कुछ नाम फाइनल किए थे। ट्रंप ने पहले रिपल (XRP), सोलाना (SOL) और कार्डानो (ADA) को रिजर्व में शामिल करने का ऐलान किया। फिर कुछ देर बार बिटकॉइन और एथेरियम को अपनी पसंदीदा क्रिप्टो बताते हुए उन्हें क्रिप्टो रिजर्व का हार्ट करार दिया। इस तरह इन पांच डिजिटल करेंसी का यूएस क्रिप्टो स्ट्रैटेजिक रिजर्व का हिस्सा बनना लगभग तय हो गया है।
विरोध भी हुआ शुरू
डोनाल्ड ट्रंप की क्रिप्टो नीतियों का अमेरिका में विरोध भी हो रहा है। बिटकॉइन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यूएस कांग्रेस सदस्य गेराल्ड ई. कोनोली ने ट्रेजरी विभाग से आग्रह किया है कि क्रिप्टो रिजर्व योजना को रद्द कर देना चाहिए। ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट को लिखे पत्र में कोनोली ने इस मामले पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया कार्यकारी आदेशों की आलोचना की और कहा कि इनसे मुख्य रूप से ट्रंप और उनके सहयोगियों को लाभ होगा। सांसद ने दावा किया कि इस रिजर्व से अमेरिकी लोगों को कोई प्रत्यक्ष लाभ नहीं होगा, बल्कि इससे राष्ट्रपति और उनके सहयोगियों को काफी लाभ होगा।
ट्रंप के हित का हवाला
कोनोली ने ट्रंप के वित्तीय हितों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल में राष्ट्रपति की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी का उल्लेख किया। यह एक क्रिप्टोकरेंसी फर्म है जो डिजिटल एसेट बैंक के रूप में कार्य करने का लक्ष्य रखती है। कोनोली ने यह दावा भी किया कि ट्रंप मीमकॉइन में इसकी भी भागीदारी है, जिसने कथित तौर पर ट्रेडिंग शुल्क के रूप में 100 मिलियन डॉलर कमाए हैं।