नई दिल्ली . अगर आपको स्विस वाइन पसंद है और वहां के चॉकलेट भी आपको खासा पसंद आते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. दरअसल, ये सारी चीजें भारत में सस्ती होने वाली हैं. भारत ने यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के साथ 100 बिलियन डॉलर का ट्रेड एंड इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (TEPA) किया है. इस समझौते से स्विस चॉकलेट, वाइन, चाकू और घड़ियों पर टैरिफ कम हो जाएगा, जबकि EFTA भारतीय सामान पर 99% ड्यूटी हटा देगा. इससे 15 सालों में 10 लाख नौकरियां मिलने की उम्मीद है.
क्यों सस्ती हो जाएंगी स्विस चीजें
अगर आप इस दिवाली अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को स्विस चॉकलेट या रेड वाइन गिफ्ट करने का प्लान बना रहे हैं, तो अब आपको कम खर्च करना होगा. भारत ने दरअसल स्विस चॉकलेट, वाइन, स्विस चाकू और रोलेक्स जैसी घड़ियों पर टैरिफ कम करने पर सहमति दे दी है. नई दिल्ली ने जब यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के साथ ट्रेड एंड इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (TEPA) पर हस्ताक्षर किए, तो स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन से आने वाले लगभग 85 प्रतिशत सामान पर टैरिफ कम कर दिया जाएगा.
EFTA ने लगभग 99 प्रतिशत भारतीय सामान पर ड्यूटी हटाने पर सहमति दी है. दोनों पक्षों ने इस डील के तहत अगले 15 सालों में 100 बिलियन डॉलर या 74 बिलियन पाउंड का निवेश करने और 10 लाख प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा करने पर भी सहमति जताई है.
भारत-ईएफटीए समझौते से हजारों कंपनियों को फायदा
इस समझौते से दोनों देशों की हजारों कंपनियों को फायदा होगा. यूरोपीय संघ की लगभग 6,000 कंपनियां भारत में काम करती हैं. 27 देशों का यह समूह भारत का सबसे बड़ा वस्तु व्यापार साझेदार है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 135 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. भारत ने इस साल जुलाई में एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर भी हस्ताक्षर किए हैं. यह एफटीए 2026 तक लागू होने वाला है.
भारत-एफटीए समझौता ऐसे समय में हुआ है, जब भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार अमेरिका ने 25 प्रतिशत के आधार टैरिफ के अलावा रूसी तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत का दंडात्मक टैरिफ लगाया है, जिससे संचयी टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है.