Digital Gold vs Physical Gold: त्योहारों का सीजन आते ही भारतीयों में एक अलग उत्साह देखने को मिलता है। ये ऐसा समय होता है, जब लोग सोना खरीदते हैं। हालांकि मार्केट में सोने की कीमतों में उतार चढ़ाव लोगों को प्रभावित कर रहा है। ऐसे में भारतीयों का पसंदीदा निवेश विकल्प होने के बाद भी लोगों में डिजिटल और फिजिकल गोल्ड इंवेस्टमेंट को लेकर चर्चा बनी रहती है।
चाहे आप 24K गोल्ड के गहने खरीदे या सोने के सिक्के या बिस्किट, सोना हर तरह से एक अच्छा इंवेस्टमेंट ऑप्शन है। दिवाली, दशहरा के शुभ अवसर पर हम सोने की खरीदारी करते हैं। मगर डिजिटलाइजेशन के बाद गोल्ड में निवेश का एक बेहतर ऑप्शन सामने आया है। इसे डिजिटल गोल्ड कहा जाता है।यहां हम आपको बताएंगे कि डिजिटल और फिजिकल गोल्ड में कौन सा ऑप्शन आपके लिए सही है।
डिजिटल गोल्ड में कैसे करें निवेश
डिजिटल गोल्ड, फिजिकल गोल्ड का डिजिटल या ऑनलाइन ऑप्शन है, जिसमें आप ऐप या वेबसाइट की मदद से खरीद सकते हैं। भौतिक सोने का एक विकल्प डिजिटल सोना है। भारत में, डिजिटल सोना कई ऐप और वेबसाइट से खरीदा जा सकता है। बता दें कि केवल कुछ कंपनियां ही डिजिटल गोल्ड का ऑप्शन देती हैं, इसमें मेटल्स एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (MMTC), प्रोड्यूट्स आर्टिस्टिक मेटॉक्स प्रीसीक्स, स्विटजरलैंड (PAMP) और डिजिटल गोल्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सेफगोल्ड ब्रांड शामिल हैं।
डिजिटल गोल्ड में इंवेस्टमेंट एक आसान ऑप्शन है और यह काफी किफायती होता है। डिजिटल गोल्ड की हर यूनिट 24K की होती है, जिसमें 99.9% शुद्धता की गारंटी होती है। आप केवल 100 रुपये कम में निवेश कर सकते हैं। इसकी कीमत, खरीद और बेच बाजार के हिसाब से होते हैं। जब आप ऑनलाइन डिजिटल गोल्ड की एक यूनिट खरीदते है, तो ट्रेडिंग कंपनियां सोने की शुद्धता की जांच करके निवेशकों के नाम पर तिजोरी में रख देती हैं। जब आप इसे बेचते है, तो ट्रेडिंग कंपनी सोने को तिजोरी से निकाल लेती है।
फिजिकल गोल्ड में निवेश
फिजिकल गोल्ड में निवेश बहुत पुराना विकल्प है, जिसे करोड़ों भारतीयों द्वारा चुना जाता है। भले ही ये एक पुराना विकल्प है, लेकिन इसकी लागत और स्टोरेज दोनों महंगा होता है। फिजिकल गोल्ड में बहुत से ऑप्शन मिलते हैं, जिसमें गहने, सोने के सिक्के और बिस्किट में आप निवेश कर सकते हैं। फिजिकल गोल्ड की कीमतें इसके पुराने होने के कारण कर हो सकती है। इसके अलावा मेकिंग चार्ज के कारण भी इसकी कीमत अधिक हो जाती है।
डिजिटल गोल्ड या फिजिकल गोल्ड ?
डिजिटल गोल्ड
- यहां हम जानेंगे कि डिजिटल गोल्ड और फिजिकल गोल्ड में से कौन सा ऑप्शन आपके लिए बेहतर है। आइये पहले डिजिटल गोल्ड के बारे में जानते हैं।
- डिजिटल गोल्ड में 100 रुपये से कम कीमत में इन्वेस्ट कर सकते हैं और इसकी कोई न्यूनतम लिमिट नहीं है। यानी कोई भी इसमें निवेश कर सकता है।
- डिजिटल गोल्ड सोना का ज्यादा शुद्ध आप्शन होता है और उसकी क्वालिटी बेहतर होती है।
- इनको बेचना या कही और इन्वेस्ट करना आसान होता है। कोई भी आसानी से यूनिट खरीद और बेच सकता है।
- डिजिटल गोल्ड निवेश का इस्तेमाल लोन के कोलेटरल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- डिजिटल गोल्ड एसेट का बीमा किया जाता है और उसे तिजोरी में सुरक्षित रूप से जमा किया जाता है।
- इसमें चोरी होने का जोखिम नहीं हो जाता है और सोने की जिम्मेदारी सेलर की होती है।
- आप आसानी से अपने निवेश को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (ऐप या वेबसाइट) के माध्यम से आसानी से ट्रैक कर सकते हैं।
- इसके अलावा, वे आसानी से अपने निवेश के परफॉर्मेंस को मॉनिटर कर सकते हैं।
- डिजिटल गोल्ड में केवल 2-3% का जीएसटी चार्ज लगता है।
फिजिकल गोल्ड
- अब अगर फिजिकल गोल्ड की बात करें तो सोना सबसे महंगा निवेश ऑप्शन माना जा सकता है, क्योंकि इसके लिए आपको कम से कम 20 हजार से ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं।
- सोने को महंगाई से बचाने वाला निवेश माना जाता है। क्योंकि आप आज सोना खरीद सकते है और इसे बेचकर भविष्य में ज्यादा पैसे पा सकते हैं। हालांकि ये मार्केट प्राइस पर निर्भर करता है।
- फिजिकल गोल्ड में इन्वेस्ट करने के लिए आपको ज्वेलर्स के पास जाना पड़ता है और कम से कम 20 से 30 हजार रुपये तक खर्च करना पड़ता हैं।
- अगर आप गहने में इन्वेस्ट करते हैं तो आपको मेकिंग चार्ज देना होता है। इसमें 20% – 30% मेकिंग चार्ज लग सकता है।
- फिजिकल गोल्ड का इस्तेमाल भी आप लोन लेने के लिए कर सकते हैं।
- फिजिकल गोल्ड को सुरक्षित रखना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है और इसके लिए लॉकर की जरूरत पड़ सकती है।
- इसके अलावा फिजिकल गोल्ड के चोरी होने का भी खतरा रहता है।
उम्मीद है कि डिजिटल और फिजिकल गोल्ड में निवेश करते समय ये आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित होगा ।