Budget 2023 Expectations: केंद्रीय बजट 2023-24 से पहले, 51 प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है और सामाजिक सुरक्षा पेंशन (social security pensions) में वृद्धि और मातृत्व लाभ (maternity benefits) के लिए पर्याप्त प्रावधान की मांग की है।
पत्र के हस्ताक्षरकर्ताओं में जीन ड्रेज़ (मानद प्रोफेसर, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स), प्रणब बर्धन (अर्थशास्त्र के प्रोफेसर एमेरिटस, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय बर्कले), आर नागराज (अर्थशास्त्र के प्रोफेसर, आईजीआईडीआर, मुंबई), रीतिका खेड़ा (अर्थशास्त्र की प्रोफेसर, आईआईटी, दिल्ली), और सुखदेव थोराट (प्रोफेसर एमेरिटस, जेएनयू) अन्य शामिल हैं।
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पत्र में क्या कहा गया?
यह 20 दिसंबर 2017 और 21 दिसंबर 2018 (अरुण जेटली को संबोधित करते हुए) के हमारे पत्रों का अनुवर्ती है, जहां हमने अगले केंद्रीय बजट के लिए दो प्राथमिकताओं को चिह्नित करने की कोशिश की: सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि, और पर्याप्त मातृत्व लाभ का प्रावधान। पत्र में कहा गया, ‘चूंकि दोनों प्रस्तावों को नजरअंदाज कर दिया गया था, हम फिर से लिख रहे हैं, अगले बजट से काफी पहले, उन्हीं सिफारिशों के साथ।’
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इन लोगों को दें ज्यादा पेंशन
पत्र के अनुसार, राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (एनओएपीएस) के तहत वृद्धावस्था पेंशन में केंद्र सरकार का योगदान 2006 से महज 200 रुपये प्रति माह पर स्थिर हो गया है। पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार के योगदान को तुरंत बढ़ाकर कम से कम 500 रुपये (अधिमानतः अधिक) किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी तरह विधवा पेंशन को 300 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर कम से कम 500 रुपये किया जाना चाहिए। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को संसद में 2023-24 का बजट पेश करेंगी।