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नोएडा में 30,000 फ्लैट मालिकों की बढ़ी मुश्किलें! 4 साल पहले सौदा-खरीदा, रजिस्ट्री अब तक नहीं

Allahabad High Court issued Notices to the Noida Authority: नोएडा प्राधिकरण को इलाहाबाद हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है। कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए 10 जनवरी तक जवाब मांगा है।

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Dec 16, 2024 09:36
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Noida

Allahabad High Court issued Notices to the Noida Authority: नोएडा अथॉरिटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने नोएडा अथॉरिटी समेत कई सरकारी निकायों को नोटिस जारी किया है। सेक्टर 79 स्थित गौर स्पोर्ट्सवुड अपार्टमेंट के मालिकों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि 2020 ने नोएडा अथॉरिटी ने अपार्टमेंट की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगा रखा है। याचिका में इसे हटाने की मांग की गई है।

अगली सुनवाई तक मांगा जवाब

जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता और मनोज कुमार गुप्ता की पीठ ने 13 दिसंबर को निर्देश जारी करते हुए नोएडा प्राधिकरण से जवाब मांगा है। अदालत ने नोएडा प्राधिकरण को 10 जनवरी 2025 तक का समय दिया है। 10 जनवरी को अब इस पर सुनवाई की जाएगी।

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30,000 से ज्यादा लोग प्रभावित

दरअसल यह पूरा मामला स्पोर्ट्स सिटी ग्रुप हाउसिंग स्कीम से संबंधित है। इस स्कीम के तहत 70 प्रतिशत हिस्से पर वर्ल्ड क्लास स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना था। मगर डेवलपर्स ने यहां अपार्टमेंट्स बनाने शुरू कर दिए। इस पर कार्रवाई करते हुए नोएडा प्राधिकरण ने स्पोर्ट्स सिटी में रजिस्ट्रेशन से लेकर नक्शा पास करवाने पर रोक लगा दी थी। इस प्रतिबंध का असर सेक्टर 78, 79, 150 पर भी देखने को मिला। आंकड़ों की मानें तो इस फैसले से लगभग 30,000 से ज्यादा अपार्टमेंट के मालिक भी प्रभावित हो रहे हैं।

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क्या है पूरा मामला?

इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिका के अनुसार नोएडा अथॉरिटी ने स्पोर्ट्स सिटी के लिए 727,500 स्क्वायर मीटर की जमीन आवंटित की थी। 11 नवंबर 2011 को 80,000 स्क्वायर मीटर जमीन आवंटित की गई थी। गौर स्पोर्ट्सवुड प्राइवेट लिमिटेड ने 40,000 स्क्वायर मीटर में 800 अपार्टमेंट बनाए और घर खरीदने वालों को रजिस्ट्री का आश्वासन दिया। नोएडा प्राधिकरण ने प्रोजेक्ट के नियमों का उल्लघंन करने के कारण रजिस्ट्री बैन कर दी।

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रजिस्ट्री का इंतजार

लगभग 1 महीने पहले अपार्टमेंट खरीदने वाले 44 लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में उनका कहना है कि बैन के कारण उन्हें अभी तक अपने घर का मालिकाना हक नहीं मिल सका है। डेवलपर्स के किए की सजा हमें क्यों मिल रही है। अगर रजिस्ट्री बाद में होनी थी तो नोएडा प्राधिकरण ने अपार्टमेंट खरीददारों को घर खरीदते समय क्यों नहीं रोका?

CEO ने दिया जवाब

नोएडा प्राधिकरण के CEO लोकेश एम का कहना है कि 2021 में कुछ उल्लघंनों के कारण बैन लगाया गया था। तब से यह मामला राज्य सरकार के पास पेंडिंग है। हाईकोर्ट के आदेश पर हम जरूरी कदम उठाने का पूरा प्रयास करेंगे।

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Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Dec 16, 2024 09:36 AM

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