8th Pay Commission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट द्वारा 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की गई, जिसके बाद से यह सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच सबसे बड़ा चर्चा का विषय बन गया है। केंद्रीय सरकार के 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को इस वेतन आयोग से बड़ी उम्मीदें हैं। हालांकि, अब तक केंद्र सरकार ने इस आयोग के मेंबर्स की नियुक्ति नहीं की है। आइए जानते हैं कि इससे किसको और कितना फायदा होगा।
क्या 2.57 से ज्यादा होगा फिटमेंट फैक्टर?
- 2016 में लागू किए गए 7वें वेतन आयोग के दौरान फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था, जिससे वेतन में काफी अच्छी वृद्धि हुई थी। ऐसे में इस बार कर्मचारी यूनियन की मांग है कि यह 2.57 से कम न हो।
- हालांकि, अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में पता चला है कि सरकार इसे 2.0 से ऊपर नहीं ले जा सकती।
- कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.92 तक हो सकता है, जबकि कुछ रिपोर्ट का मानना है कि यह 2.86 तक बढ़ सकता है।
8वें वेतन आयोग के अनुसार सैलरी कैलकुलेशन
अगर फिटमेंट फैक्टर अलग-अलग लेवल पर तय किया जाता है, तो इस हिसाब से वेतन में बढ़ोतरी भी अलग-अलग हो सकती है।
फिटमेंट फैक्टर | न्यूनतम मूल वेतन (₹18,000 से) |
1.92 | 34,560 रुपये |
2.57 | 46,260 रुपये |
2.86 | 51,480 रुपये |
इसका मतलब है कि अगर फिटमेंट फैक्टर 1.92 रखा जाता है तो वेतन में 16,560 रुपये की बढ़ोतरी होगी, जबकि 2.86 होने पर 33,480 रुपये तक बढ़ सकता है।
8वें वेतन आयोग के अनुसार पेंशन कैलकुलेशन
फिटमेंट फैक्टर का प्रभाव केवल वेतन पर ही नहीं, बल्कि पेंशन पर भी पड़ता है। ऐसे में अगर सरकार 2.86 फिटमेंट फैक्टर को स्वीकार करती है, तो मीनिमम पेंशन 25,740 रुपये तक बढ़ सकती है।
फिटमेंट फैक्टर | न्यूनतम मूल पेंशन (₹9,000 से) |
1.92 | ₹17,280 |
2.57 | ₹23,130 |
2.86 | ₹25,740 |
कर्मचारियों की यह भी मांग है कि महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) को मूल वेतन में जोड़ दिया जाए। इससे वेतन और पेंशन में एक्स्ट्रा वृद्धि हो सकती है।
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