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सुशासन बाबू के मन को क्यों नहीं पढ़ पाते उनके दोस्त, आगे क्या होगा अंजाम?

Bharat Ek Soch: नीतीश कुमार के मन में क्या चल रहा है, इसे समझना नामुमकिन है। बिहार की राजनीति में अब आगे क्या होगा?

Edited By : Anurradha Prasad | Updated: Jan 28, 2024 21:09
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nitish kumar bihar cm
भारत एक सोच

Bharat Ek Soch: नीतीश कुमार बिहार के नौवीं बार मुख्यमंत्री बने हैं। रविवार को उन्होंने एक बार फिर सीएम पद की शपथ ली। वह एक बार फिर एनडीए के खेमे में हैं। अब सवाल ये कि नीतीश कुमार के पास ऐसी कौन सी जादुई छड़ी, जादुई मंत्र है, जिसमें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वही बने रहते हैं?

नीतीश कुमार के सीएम बनने के बाद कई सवाल हैं। जैसे- बिहार पॉलिटिक्स में अब जेडीयू का क्या होगा? ऐसे सभी सुलगते सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे- अपने स्पेशल शो ‘नीतीश को समझना नामुमकिन है’ में…

सितारे हमेशा मजबूत

इसे नीतीश कुमार की सत्ता में बने रहने की बाजीगरी का नाम दिया जाए या जरूरत के मुताबिक नए सहयोगियों को जोड़ने का हुनर…उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बनाए रखने वाले सितारे हमेशा मजबूत रहे हैं। नौंवी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर बख्तियारपुर के मुन्ना ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया। नौ बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का रिकॉर्ड अबतक भारत में किसी भी राजनेता के नाम नहीं है।

नीतीश की राजनीति का सबसे दिलचस्प पहलू यही है कि वो बड़ी सफाई से पुराने दोस्तों से हाथ झटक कर नए दोस्त बना लेते हैं। जिसमें मुख्यमंत्री की कुर्सी उनके पास ही रहती है। सिर्फ उप-मुख्यमंत्री बदल जाते हैं। अब JDU के साथ आरजेडी की जगह बीजेपी है, उप-मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तेजस्वी यादव की जगह बीजेपी के सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा हैं।

माना जा रहा है कि नीतीश बहुत पहले भांप गए थे कि विपक्षी महागठबंधन में उन्हें कुछ खास नहीं मिलने वाला है। ऐसे में G-20 के डिनर में दिल्ली पहुंच कर नीतीश कुमार ने एनडीए को लेकर सॉफ्ट होने का पहला संकेत दिया। माना ये भी जा रहा है कि इसके बाद नीतीश का बीजेपी का साथ भीतरखाने संवाद की कड़िया जुड़ने लगीं। शायद, नीतीश के दिमाग में चल रहे नए समीकरण को उनके करीबी माने जानेवाले ललन सिंह भी नहीं समझ पाए।

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Anurradha Prasad

First published on: Jan 28, 2024 09:00 PM

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