E20 Fuel Policy: हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर E20 फ्यूल को लेकर बड़ी बहस छिड़ गई है। कई कार और बाइक मालिकों ने शिकायत की है कि इस ईंधन का इस्तेमाल करने से उनके वाहनों की माइलेज में काफी गिरावट आई है। दरअसल, भारत सरकार ने अप्रैल 2023 में E20 फ्यूल लॉन्च किया था ताकि प्रदूषण कम किया जा सके और देश के सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों को आगे बढ़ाया जा सके। लेकिन पुराने नॉन-E20 कम्पैटिबल वाहनों में यह फ्यूल अनिवार्य होने से गाड़ी मालिकों में असंतोष बढ़ गया है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
वाहन मालिकों की परेशानियों को देखते हुए इस मामले को अब सुप्रीम कोर्ट तक ले जाया गया है। एडवोकेट अक्षय मल्होत्रा ने हाल ही में एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल की है। यह याचिका 1 सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए लगेगी। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच, जिसमें जस्टिस के विनोद चंद्रन और एनवी अंजारिया भी शामिल हैं, इस मामले की सुनवाई करेंगे। PIL का मुख्य उद्देश्य है कि उपभोक्ताओं को E0 पेट्रोल (बिना एथेनॉल वाला पेट्रोल) का विकल्प हर फ्यूल स्टेशन पर मिले और ईंधन पर एथेनॉल की मात्रा का स्पष्ट लेबलिंग अनिवार्य हो।
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सरकार का बचाव
जैसे ही यह विवाद बढ़ा, भारत सरकार की ओर से लगातार स्पष्टीकरण आने लगे। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी करते हुए कहा कि एथेनॉल की एनर्जी डेंसिटी पेट्रोल से कम होती है, जिस वजह से माइलेज पर हल्का असर पड़ता है। E10 से E20 पर कैलिब्रेट की गई कारों में यह असर सिर्फ 1-2% तक होता है, जबकि बाकी वाहनों में 3-6% तक। इंजन ट्यूनिंग और E20 कम्पैटिबल मटीरियल के इस्तेमाल से इसे और कम किया जा सकता है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि बड़े ऑटोमोबाइल निर्माता पहले ही इस दिशा में बदलाव कर चुके हैं।
📑Some articles/ reports in the media have raised concerns about the potential negative impact of 20% ethanol blending (E20) in petrol, particularly with regard to older vehicles and customer experience. These concerns, however, are largely unfounded and not supported by…
— Ministry of Petroleum and Natural Gas #MoPNG (@PetroleumMin) August 4, 2025
पॉलिसी पर फैली अफवाहें
कई जगहों पर यह दावा भी किया जा रहा था कि E20 फ्यूल इस्तेमाल करने से वाहन बीमा पॉलिसी रद्द हो जाएगी। लेकिन सरकार ने साफ किया कि यह पूरी तरह झूठी अफवाह है। E20 का इस्तेमाल करने से न तो बीमा पॉलिसी पर कोई असर पड़ेगा और न ही उसकी वैधता खत्म होगी।
क्या है E20 फ्यूल
E20 फ्यूल का मतलब है 20% इथेनॉल + 80% पेट्रोल। सरकार ने अप्रैल 2023 में इसे लॉन्च किया था ताकि प्रदूषण कम हो और देश तेल आयात पर कम निर्भर रहे।
अब भविष्य में क्या
सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अक्टूबर 2026 से पहले भारत E20 से आगे नहीं बढ़ेगा। यानी फिलहाल E20 ही रहेगा। लेकिन भविष्य में ज़्यादा ब्लेंडिंग की योजना जरूर है। यह कदम भारत को स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में आगे ले जाएगा, लेकिन वाहन मालिकों की चिंताओं को देखते हुए इस पर अदालत का फैसला अहम साबित होगा।
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