Fake helmets: एक तरफ जहां लोग महंगे टू-व्हीलर खरीदने में लगे हैं तो वहीं हेलमेट खरीदने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाते और सिर्फ चालान से बचने के लिए सस्ते और नकली हेलमेट खरीद लाते हैं। लेकिन अगर कोई एक्सीडेंट हो जाये तो सिर में गंभीर चोटें भी लग सकती हैं जान भी जा सकती है। खराब क्वालिटी का हेलमेट आपकी आंखों की रोशनी भी जा सकती है। आइये जानते हैं आखिर कैसे खतरनाक होते हैं ये हेलमेट…
आंखों के लिए बेहद खतरनाक हैं नकली हेलमेट
रोड साइड सस्ते और नकली हेलमेट खूब बिकते हैं जो आपको 300-400 रुपये में आसानी से मिल जाते हैं। इन्हें बनाने में बहुत ही घटिया और हल्की क्वालिटी का सामान लगाया जाता है। इतना ही नहीं इसमें लगा वाइजर सबसे ज्यादा खराब होता है जोकि। यह UV सुरक्षित नहीं होता, जिसकी वजह से तेज धूप में आंखों की सुरक्षा नहीं हो पाती।
इतना ही नहीं रात में सामने से आ रहे वाहनों की हाई बीम तेज रोशनी भी सीधा आंखों पर असर डालती है, जिसकी वजह से आंखों की रोशनी कमजोर पड़ जाती है। जबकि अच्छी गुणवत्ता के ओरिजिनल हेलमेट में UV प्रोटेक्शन वाला वाइजर लगा होता है, जो धूप से आपकी आंखों को सुरक्षित रखता है, साथ ही आपके चेहरे को भी धूप से बचाता है।
हमेशा ISI मार्क हेलमेट ही खरीदें
एक अच्छा ISI मार्क हेलमेट आपको 900 रुपये से लेकर 1000 रुपये में मिल जायेगा। जो आपके सिर और आंखों को भी सेफ रखेगा। आप स्टीलबर्ड, स्टड्स, वेगा और रॉयल एनफील्ड के हेलमेट चुन सकते हैं। असली हेलमेट में क्वालिटी और सेफ्टी स्टैंडर्ड्स का पूरा ध्यान रखा जाता है। क्योंकि एक असली हेलमेट कई सेफ्टी टेस्ट से होकर गुजरता है।
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