Chandrayaan-3: चांद पर Chandrayaan-3 की सफल लैंडिंग के बाद देशभर में जश्न का माहौल है। चंद्रयान के चांद पर पहुंचने पर अब हम चांद पर आने वाले बदलाव जैसे भूकंप और अन्य प्रॉपर्टीज के बारे में अध्ययन कर सकेंगे। क्या आपको पता है कि साउथ कोरियन कार निर्माता कंपनी हुंडई भी चांद तक का सफर तय करने की तैयारी कर रही है।
लूनर रोवर को बना रही
दरअसल, हुंडई मोटर ग्रुप ने हाल ही में बताया था कि वह लूनर एक्सप्लोरेशन मोबिलिटी रोवर के प्रारंभिक विकास मॉडल लूनर रोवर को बना रही है। अभी इसका प्रारंभिक काम हुआ है। Hyundai अपने इस Lunar Rover को कोरिया में एयरोस्पेस पार्टनर के सहयोग से बना रही है।
![Chandrayaan-3 Hyundai Lunar Rover](https://hindi.news24online.com/wp-content/uploads/2023/08/ln.jpg)
Chandrayaan-3 Hyundai Lunar Rover
केवल 70 किलो वजन होगा
जानकारी के अनुसार पिछले साल जुलाई में हुंडई ने रोवर को डेवलप करने के लिए एयरोस्पेस सेक्टर में 6 कोरियाई रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ एक करार किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस Lunar Rover का कुल वजन केवल 70 kg होगा।
ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेक्नोलॉजी होगी
यह Lunar Rover इंडिया के Chandrayaan-3 की तरह एडवांस फीचर्स से लैस होगा। इसमें कैमरा और LiDAR सेंसर लगाया जाएगा। फिलहाल कंपनी ने अपने इस लूनर रोवर के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है। अनुमान है अलगे साल 2024 में इस लूनर रोवर की टेस्टिंग शुरू हो जाएगी। जिसके बाद साल 2027 में इसे लॉन्च किया जाएगा। इसमें ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेक्नोलॉजी, एडवांस रोबोटिक टेक्नोलॉजी मिलेगी।
![Chandrayaan-3 Hyundai Lunar Rover](https://hindi.news24online.com/wp-content/uploads/2023/08/ln-2.jpg)
Chandrayaan-3 Hyundai Lunar Rover
Lunar Rover में मोटर, व्हील्स और ड्राइविंग सिस्टम
Lunar Rover में मोटर, व्हील्स और ड्राइविंग सिस्टम मिल सकता है। लूनर रोवर को यह सर्दी, गर्मी और बारिश हर मौसम में काम करेगा। पहले जमीन पर टेस्ट के बाद ही इसे लॉन्च किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इसे भी Chandrayaan-3 की तरह चांद के दक्षिणी ध्रुव एरिया में उतारा जाएगा।
6 कोरियाई रिसर्ज इंस्टीट्यूट से करार
इसके बाद हुंडई ने 6 कोरियाई रिसर्ज इंस्टीट्यूट से करार किया है। इसके पीछे ह्यूमन मोबिलिटी एक्सपीरियंस को बढ़ाना है। इससे पहले इस प्रोजेक्ट के कॉर्डिनेशन सेंटर प्रमुख योंग वा किम ने कहा कि हुंडई का लक्ष्य चंद्रमा पर मानव पहुंच में योगदान देना है।