Daily Horoscope: 19 जून 2025 को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि सुबह 11:55 बजे तक रहेगी, इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। उत्तरभाद्रपद नक्षत्र रात 11:17 बजे तक रहेगा, फिर रेवती नक्षत्र शुरू होगा। आयुष्मान योग सुबह 5:24 बजे तक रहेगा, इसके बाद सौभाग्य योग लगेगा। कौलव करण सुबह 11:55 बजे तक रहेगा, फिर तैतिल करण शाम 10:55 बजे तक और इसके बाद गर करण शुरू होगा।
ग्रहों की स्थिति की बात करें तो चंद्रमा और शनि मीन राशि में रहेंगे। शुक्र मेष राशि में, मिथुन में सूर्य, बुध और गुरु का त्रिग्रही योग रहेगा। सिंह में मंगल और केतु, कुंभ में राहु मौजूद रहेंगे। उत्तरभाद्रपद नक्षत्र की संयमित ऊर्जा और सौभाग्य योग कुछ राशियों के लिए दिन को बेहतर बनाएंगे, लेकिन कुछ राशि वालों के लिए यह दिन सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहेगा। आइए जानते हैं कि इन राशियों के लिए दिन कैसा रहेगा और इसे बेहतर बनाने के लिए क्या उपाय करें?
वृषभ राशि
चंद्रमा और शनि का मीन में होना आपके 11वें भाव को हिट करेगा, जिससे दोस्तों के साथ गलतफहमी या आय के स्रोतों में रुकावट हो सकती है। मंगल और केतु की युति आपके चौथे भाव में है, जो घरेलू सुख में कमी, मां के स्वास्थ्य की चिंता या प्रॉपर्टी से जुड़े मसलों में तनाव ला सकती है। उत्तरभाद्रपद नक्षत्र की ऊर्जा मानसिक भटकाव को बढ़ा सकती है। नवमी तिथि के प्रभाव से छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आने का जोखिम है। इस दिन बड़े निवेश या जोखिम भरे फैसले लेने से बचें और परिवार के साथ समय बिताएं।
उपाय: गाय को हरा चारा खिलाएं और गौशाला में दान करें।
कर्क राशि
चंद्रमा और शनि का मीन में होना आपके नवम भाव को प्रभावित करेगा, जिससे भाग्य संबंधी रुकावटें, लंबी यात्राओं में परेशानी या धार्मिक कार्यों में बाधा आ सकती है। मिथुन में सूर्य, बुध और गुरु की युति 12वें भाव में है, जो अनावश्यक खर्च, मानसिक तनाव या नींद में कमी ला सकती है। उत्तरभाद्रपद नक्षत्र और नवमी तिथि के प्रभाव से छोटी बातों को दिल से लगाने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है। इस दिन जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। शांत रहकर ध्यान या मेडिटेशन करें।
उपाय: भगवान विष्णु को पीले फूल चढ़ाएं और तुलसी की माला से जाप करें।
वृश्चिक राशि
चंद्रमा और शनि का मीन में होना आपके पंचम भाव को प्रभावित करेगा, जिससे लव रिलेशनशिप में तनाव, पढ़ाई में फोकस की कमी या बच्चों से जुड़ी चिंताएं बढ़ सकती हैं। मंगल और केतु की युति दसवें भाव में है, जो करियर में रुकावटें, बॉस या सहकर्मियों के साथ गलतफहमी या प्रोजेक्ट्स में देरी ला सकती है। उत्तरभाद्रपद नक्षत्र मानसिक अस्थिरता को और बढ़ा सकता है। नवमी तिथि के कारण जल्दबाजी में लिए गए फैसले नुकसान दे सकते हैं। इस दिन धैर्य रखें और कोई नया काम शुरू करने से बचें।
उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान मंदिर में गुड़ चढ़ाएं।
कुंभ राशि
राहु का आपकी राशि में होना और चंद्रमा-शनि की मीन में युति आपके दूसरे भाव को प्रभावित करेगी। इससे फाइनेंशियल मामलों में रुकावट, बोलचाल में गलतफहमी या परिवार में तनाव हो सकता है। मंगल और केतु की युति सातवें भाव में है, जो जीवनसाथी या बिजनेस पार्टनर के साथ मतभेद या डील में देरी ला सकती है। उत्तरभाद्रपद नक्षत्र और नवमी तिथि छोटी-छोटी बातों पर तनाव बढ़ा सकते हैं। इस दिन मानसिक तनाव या सिरदर्द जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। शांत रहें और दूसरों की सलाह ले सकते हैं।
उपाय: शनि मंदिर में नीले फूल चढ़ाएं और जरूरतमंदों को काले तिल का दान करें।
मीन राशि
चंद्रमा और शनि का आपकी राशि में होना आपके पहले भाव को प्रभावित करेगा, जिससे मानसिक तनाव, थकान या सिरदर्द जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। मंगल और केतु की युति छठे भाव में है, जो शत्रुओं से तनाव, कोर्ट-कचहरी के मामलों में परेशानी या छोटी-मोटी चोट का जोखिम ला सकती है। उत्तरभाद्रपद और रेवती नक्षत्र भावनात्मक अस्थिरता बढ़ा सकते हैं। नवमी तिथि के प्रभाव से छोटी बातों को दिल से लगाने से बचें। इस दिन बहस या विवाद से दूर रहें और ध्यान करें।
उपाय: भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करें और शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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