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यमराज की अदालत में लगती है आत्माओं की पहली हाजिरी, जहां सुनाते हैं स्वर्ग और नरक के फैसले

Yamraj Temple: गरुड़ पुराण एक ऐसा ग्रंथ हैं, जहां व्यक्ति की मृत्यु से लेकर जन्म तक सारी बातें विस्तार से बताया गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति द्वारा किए गए कर्मों के अधार पर ही उसे अगले जन्म की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति अधर्मी और पापी होते हैं, तो वैसे […]

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Oct 6, 2023 16:52
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Yamraj Temple
Yamraj Temple

Yamraj Temple: गरुड़ पुराण एक ऐसा ग्रंथ हैं, जहां व्यक्ति की मृत्यु से लेकर जन्म तक सारी बातें विस्तार से बताया गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति द्वारा किए गए कर्मों के अधार पर ही उसे अगले जन्म की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति अधर्मी और पापी होते हैं, तो वैसे व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद उन्हें नरक की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जो व्यक्ति पुण्य करता है उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

शास्त्र के अनुसार, कहा जाता है कि व्यक्ति के सारे कर्मों का ब्योरा यमराज जी के पास होता है। यमराज जी ही आत्माओं के सारे फैसले सुनाते हैं। जो आत्मा अच्छे कर्म करने वाली होती है, उन्हें स्वर्ग प्राप्त होता है और जो बुरे कर्म करने वाली आत्मा होती है, उन्हें नरक लोक में डाल दिया जाता है। ऐसे में आज इस खबर में बताने वाले हैं आखिर यमराज जी आत्माओं को सजा किस स्थान पर देते हैं। कहां पर यमराज की कचहरी लगती है। इन सभी के बारे में विस्तार से जानते हैं।

यमराज का मंदिर

भारत का एक ऐसा राज्य जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और रहस्यों के लिए प्रसिद्ध हैं। बात कर रहे हैं, हिमाचल प्रदेश की जो हिमालय की गोद में बसा है। हिमाचल प्रदेश में कई ऐसे छोटे-बड़े, अनोखे और रहस्यों से भरा मंदिर हैं, जो अपनी खुबियो के लिए जाना जाता है। ऐसे ही एक मंदिर चंबा जिले में भरमौर में हैं। यह मंदिर मृत्यु के देवता यमराज को समर्पित हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में साक्षात यमराज चित्रगुप्त के साथ विराजमान हैं। इस मंदिर में लोग अपने पापों का प्राक्षित करने के लिए आते हैं और यमराज जी से प्रार्थना करते हैं।

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यहां लगती है यमराज की कचहरी

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कहा जाता है कि यमराज के दूत किसी भी व्यक्ति के मरने के बाद उनकी आत्मा को सबसे पहले इस मंदिर में लाते हैं। इसके साथ ही उस व्यक्ति के कर्मों का ब्योरा देखा जाता है। यानी एक शब्दों में कहा जाए हैं, तो इस मंदिर में व्यक्ति के मरने में बाद यमराज की कचहरी यानी आत्माओं की पहली हाजिरी इसी मंदिर में लगती है।

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मान्यता है कि यमराज के लेखापाल चित्रगुप्त व्यक्ति के कर्मों का लेखा-जोखा यमराज को सुनाते हैं। इसके बाद यमराज उनके कर्मों के आधार पर स्वर्ग और नरक के फैसले सुनाते हैं। जो जातक अच्छे कर्म करते हैं, उन्हें स्वर्ग और जो बुरे कर्म करते हैं, उन्हें नरक भेज दिया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर की चारों दिशाओं में चार अदृश्य द्वारा हैं। कहा जाता है कि इन द्वारों से ही यमराज के दूत आत्माओं को स्वर्ग और नरक में ले जाते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

 

First published on: Oct 06, 2023 04:50 PM

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