डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष हर साल भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से लेकर आश्विन अमावस्या तक चलता है। साल 2023 में पितृ पक्ष 29 सितंबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर तक चलेगा। पितृ पक्ष के 15 दिनों की अवधि में पतरों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किए जाते हैं। मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान ऐसा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं जिन लोगों के पितर नाराज रहते हैं, वे उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई विशेष उपाय करते हैं। इसके अलावा जो लोग पितृ पक्ष में पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान नहीं करते उन्हें कई प्रकार के संकटों का सामना करना पड़ता है। कहते हैं कि जब पितर नाराज होते हैं तो 5 प्रकार के श्राप देते हैं। आइए जानते हैं।
गृहस्थ जीवन में क्लेश
कहते हैं कि जब पितर नाराज हो जाते हैं तो घर-परिवार में सुख शांति नहीं रहती। ऐसे में घर में हमेशा क्लेश-कलह बना रहता है। परिवार के सदस्य आपस में अक्सर लड़ते-झगड़ते रहते हैं। ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान पितरों प्रसन्न करने का उपाय करना चाहिए।
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आर्थिक नुकसान
धर्म शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि पितरों का अनादर करने पर भयानक आर्थिक संकट झेलना पड़ता है। इस स्थिति में बिजनेस में लगाया हुआ पैसा डूब जाता है। उधार में दिए हुए पैसे भी वापस नहीं मिलते। निवेश करने पर पैसा बर्बाद हो जाता है। माना जाता है कि पितरों के श्राप से धन-संपत्ति में कमी होने लगती है। इसके साथ ही घर में सुख-समृद्धि और धन-दौलत का भी अभाव रहता है।
संतान से जुड़ी समस्याएं
धर्म-शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि पितरों की नाराजगी की वजह से संतानहीनता हो सकती है। व्यक्ति संतान सुख से वंचित हो सकता है। वंश नहीं बढ़ता है। ऐसे में पितर ये श्राप देते हैं कि जिस प्रकार उनको सुख प्राप्त नहीं हो रहा है, तो उनके वंशजों को भी सुख ना मिले।
करियर में बाधा
जो लोग पितृ दोष से पीड़ित रहते हैं, उन्हें करियर में समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। साथ ही नौकरी अचानक छूट जाती है। नौकरी मिलने में परेशानी आती है। कार्यों असफलता हाथ लगती है। व्यापार में घाटा सहना पड़ता है। ऐसे में करियर भी बुरी तरह से प्रभावित होने लगता है। इसलिए पितृ पक्ष के दौरान अपने पूर्वजों के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जरूर करें।
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