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ग्रह विपरीत होने के बावजूद भी शुभ फल देता है यह राजयोग, ऐसे जातक अचानक बनते हैं अमीर

Vipreet Rajyoga: ज्योतिषीय गणनाओं में विपरीत राजयोग का खास महत्व है। यह राजयोग कुंडली में ग्रहों के विपरीत होने पर भी जातक को शुभ फल देता है।

Edited By : Dipesh Thakur | Updated: Nov 9, 2023 15:50
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Vipreet Rajyoga
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Vipreet Rajyoga: विपरीत राजयोग कुंडली में बनने वाला एक ऐसा योग है जो व्यक्ति को ग्रह विपरीत होने के बावजूद भी अच्छे फल देता है। कुंडली में छठे आठवें में 12वें घर को हमेशा अशुभ माना जाता है। यह शुभ घर विपरीत परिस्थितियों में भी अच्छे फल दे सकते हैं। आइए जानते है कि विपरीत राजयोग किस प्रकार शुभ फल देता है।

विपरीत राजयोग

कुंडली का ऐसा योग जो विपरीत परिस्थितियों में भी अच्छे फल दे उसी को विपरीत राजयोग बोला जाता है। पुराने समय में बहुत सारे ऐसे चक्रवर्ती सम्राट हुए हैं जिनकी कुंडली में यह योग पाया गया है। बिजनेसमैन हुए हैं, बहुत सारे नेता हुए हैं जिनके कुंडली में यह योग पाया गया। विपरीत राज योग की अपनी कुछ शर्त है वह शर्तें कुछ इस प्रकार है:-

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1. सबसे पहले लग्नेश बलवान होना चाहिए अर्थात लग्न के स्वामी की डिग्री 10 से 20 डिग्री के बीच होनी चाहिए।
2. लग्नेश 6, 8, 12 घरों में न बैठा हो।
3. लग्नेश नीच राशि में न बैठा हो।
4. अगर लग्नेश की डिग्री 1 से 3 के बीच है या 27 से 30 के बीच है तो भी यह विपरीत राज योग काम नहीं करेगा।

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विपरीत राज्यों को समझने के लिए हम कुंडली पर चर्चा करते हैं। अगर हम मिथुन लग्न की कुंडली की बात करें तो उसके स्वामी बुध देव होते हैं। इस अवस्था में अगर बुध देव चौथे घर में बैठते हैं अर्थात् कन्या राशि में बैठते हैं तो बुध देव उच्च के हो जाते हैं। बुद्ध की डिग्री अच्छी होनी चाहिए प्रबल होनी चाहिए। यहां छठवें, आठवें और 12वें घर के स्वामी जो होंगे वह मंगल देव, शनि देव वह शुक्र देव होंगे। अर्थात् छठा घर वृश्चिक राशि का होगा दसवां घर मकर राशि का होगा और बार-बार वृषभ राशि का होगा। इसका मतलब यह है मंगल देव छठवें आठवें बार में घर में कहीं भी बैठ जाए तो विपरीत राजयोग में होंगे। इसी प्रकार शनि देव यदि 6, 8, 12 घर में बैठ जाते हैं तो वह भी विपरीत राजयोग में होंगे। साथ ही शुक्र देव भी अगर छठवें, आठवें बार में घर में बैठते हैं तो वह भी विपरीत राजयोग ही होगा।

विपरीत राजयोग से मिलने वाले शुभ फल

अगर किसी ग्रह के छठवें घर में बैठने से विपरीत राजयोग बनता है तो उसके विदेश यात्राओं की योग बनते हैं वह कोर्ट कचहरी के कोई भी केस हो तो वह उसके बहुत जल्दी हाल होते हैं। अगर विपरीत राज योग आठवें घर से बनता है तो ऐसे व्यक्ति के रिसर्च में जाने के योग बनते हैं और ऐसा व्यक्ति अध्यात्म में भी जा सकता है। अगर विपरीत राजयोग 12वीं घर में बनता है तो ऐसा व्यक्ति विदेश अवश्य जाएगा व हॉस्पिटल जाने के योग नहीं बनेंगे वह व्यक्ति शांत रहेगा।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Edited By

Dipesh Thakur

First published on: Nov 09, 2023 11:21 AM

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