Uranus Planet Significance: वैदिक ज्योतिष में यूरेनस को ग्रह नहीं माना गया है, लेकिन आजकल अनेक ज्योतिषाचार्य कुंडली विवेचना और भविष्यवाणी के लिए यूरेनस की स्थिति का ध्यान रखने लगे हैं। इस ग्रह का भारतीय ज्योतिष में भले कोई स्थान नहीं है, लेकिन वेस्टर्न एस्ट्रोलॉजी यानी पाश्चात्य ज्योतिष में इसे बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। यूरेनस को भूगोल की हिंदी पुस्तकों में ‘अरुण’ ग्रह कहा जाता है। अरुण का अर्थ होता है, लाल या लालिमा। सूर्योदय से पहले की लालिमा को भी ‘अरुण’ कहा गया है और इसे भगवान सूर्य का सारथी माना गया है। आइए जानते हैं, यूरेनस ग्रह का ज्योतिष में क्या महत्व है और इस ग्रह से जीवन पर क्या असर पड़ता है?
यूरेनस का ज्योतिष में महत्व
यूरेनस ग्रीक सभ्यता में आकाश के स्वामी के रूप में सम्मानित देवता है। वेस्टर्न एस्ट्रोलॉजी (Western Astrology) में उन्हें ‘क्रांतिकारी ग्रह’ माना गया, जो जीवन में अचानक और अप्रत्याशित बदलाव लाते हैं। इनका सबंध क्रिएटिविटी, आविष्कार, स्वतंत्रता, अपरंपरागत विचार और मानवीयता से भी जुड़ा है। कुछ वेस्टर्न एस्ट्रोलॉजर इसे विद्रोह का देवता भी मानते हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में यूरेनस मजबूत होते हैं, वह व्यक्ति स्वतंत्र स्वाभाव का और रचनात्मक होता है। वह सामाजिक परिवर्तन लाने में यकीन रखता है। वहीं, कुंडली में यूरेनस की कमजोर स्थिति व्यक्ति को अस्थिर और अनिश्चित बनाती है।
यूरेनस का ग्रह का जीवन पर असर
पाश्चात्य ज्योतिष के अनुसार, यूरेनस सृजन और परिवर्तन से जुड़ा ग्रह है। साथ ही यह आधुनिकता, प्रगति और तकनीकी विकास का कारक ग्रह है। कुंडली में मजबूत यूरेनस के प्रभाव से व्यक्ति तकनीकी ज्ञान में माहिर होता है और प्रसिद्धि पाता है। इस गुण से उसे धन-दौलत और भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। यह व्यक्ति को नए विचारों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है और आधुनिकता की ओर ले जाता है। वही, कुंडली में कमजोर यूरेनस की स्थिति व्यक्ति के जीवन में अचानक बदलाव और उतार-चढ़ाव लाने के लिए जिम्मेदार माना गया है। व्यक्ति नैतिक नियमों तोड़ने वाला, लम्पट और दुराचारी बन सकता है।
यूरेनस ग्रह से जुड़े रोचक तथ्य
यूरेनस हमारे सौरमंडल का पहला ग्रह है, जिसे दूरबीन के माध्यम से खोजा गया है। इसकी खोज 13 मार्च, 1781 को विलियम हर्शेल ने की थी। इसलिए इसे ‘हर्शेल ग्रह’ भी कहते हैं। इस ग्रह के वायुमंडल में हाइड्रोजन, हीलियम और मीथेन गैस की अधिकता है। मीथेन गैस की अधिकता के कारण यह ग्रह हरे रंग का दिखता है, इसलिए ‘ग्रीन प्लैनेट’ भी कहलाता है। ऑक्सीजन के अभाव और तापमान लगभग -224 डिग्री सेल्सियस होने के कारण यहां जीवन संभव नहीं है। यूरेनस के इर्दगिर्द 28 उपग्रह चक्कर लगाते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।