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178 साल बाद सर्वपितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का दुर्लभ संयोग, 5 काम दिलाएंगे पितरों का भरपूर आशीर्वाद

Sarv Pitru Amavasya: सर्वपितृ अमावस्या पर 178 साल बाद सूर्य ग्रहण का दु्र्लभ संयोग बन रहा है। आइए जानते हैं खास उपाय।

Edited By : Dipesh Thakur | Updated: Oct 11, 2023 08:51
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sarv pitru amavasya
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Surya Grahan on Sarv Pitru Amavasya: साल 2023 का अंतिम सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगने जा रहा है। हिंदी पंचांग के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या पर लगेगा। साल के आखिरी सूर्य ग्रहण को ज्योतिषी बेहद दुर्लभ बता रहे हैं। दरअसल ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का कहना है कि 178 साल बाद ऐसा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। आइए जानते हैं 14 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण किन वजहों से खास माना जा रहा है। और सर्वपितृ अमवस्या पर बनने वाले इस संयोग में क्या करना शुभ रहेगा।

सर्वपितृ अमावस्या पर 178 साल बाद दुर्लभ संयोग

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, जिस दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लेगेगा। उस दिन ग्रहों की स्थिति से बुधादित्य योग का निर्माण होगा। दरअसल इस दिन सूर्य और बुध एक साथ कन्या राशि में विराजमान रहेंगे। इसके अलावा इस दिन सर्वपितृ अमावस्या भी है। जानकार बता रहे हैं कि साल 1845 में आश्विन सर्वपितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण का संयोग बना था। जिसके बाद 14 अक्टूबर 2023 को 178 साल बाद फिर से सर्वपितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का संयोग बन रहा है। इसके अलावा इस दिन शनिवार होने की वजह से शनि अमावस्या का भी खास संयोग बन रहा है। ऐसे में सर्वपितृ अमावस्या के दिन पतृकर्म और पुण्य कर्म करना शुभ फलदायी साबित होगा। साथ ही इस दिन पितरों के निमित्त जो भी कार्य किए जाएंगे, वह पितरों को संतुष्टि प्रदान करेगी। इतना ही नहीं, इस दिन किए कार्यों को फल गई गुणा अधिक प्राप्त होगा।

सर्वपितृ अमावस्या पर कर सकते हैं ये 5 पुण्य कार्य

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सर्वपितृ अमावस्या के दिन सूर्य देव को अर्घ्य जरूर देना चाहिए। ध्यान रहे कि इस जल में कुमकुम मिलाकर भगवान भस्कर को अर्पित करना शुभ है।

सर्वपितृ अमावस्या के दिन किसी नदी या तालाब में जाकर वहां 3-3 अंजुली जल लेकर सभी पितरों के नाम से अर्पित करें। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सर्वपितृ अमावस्या के दिन अपनी राशि के अनुसार अन्न और वस्तुओं का दान जरूरतमंदों के बीच करना चाहिए। इस दिन दान कर्म के लिए बाह्मण देव उपयुक्त माने गए हैं।

सर्वपितृ अमावस्या के दिन ब्राह्मण भोजन कराना सर्वोत्तम कर्म माना जाता है। ऐसे में अगर आप भी पितरों को संतुष्ट करना चाहते हैं तो इस दिन ब्राह्मणों को भोजन जरूर कराएं।

सर्वपितृ अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करें। मान्यता है कि इस दिन ऐसा करने से वंश की वृद्धि होती है। साथ ही पितरों का भरपूर आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिसके घर-परिवार भी खुशहाल रहता है।

डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Oct 11, 2023 08:51 AM

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