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Navratri 2023: आज बना है शक्ति और शनि का शुभ संयोग, 2 उपाय से मिलेंगे शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती से मुक्ति

Shardiya Navratri 2023: आज शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन है। आज के दिन मां कालरात्रि की पूजा होगी। मान्यता है कि जिस जातक की कुंडली में शनि दोष हैं, उन्हें आज कुछ उपाय करने से मुक्ति मिल सकती है। तो आइए उन उपायों को जानते हैं।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Oct 21, 2023 10:06
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Navratri 2023
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Shardiya Navratri 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि और सुख-संपत्ति दो ऐसी चीजें हैं, जिसको लेकर व्यक्ति हर समय परेशान रहता है। शास्त्रों में शनि को एक ऐसा ग्रह माना गया है जिसका जिक्र करते ही जातक के मन में सनसनी होने लगती है, क्योंकि मान्यताओं के अनुसार, शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती जातक को बड़े ही कष्टदायक होता है। मान्यता है कि जिस जातक की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से होती है वह जातक धन, मन और तन तीनों से परेशान रहता है।

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, यदि आपके कुंडली में शनि दोष चल रहे हैं, और तमाम तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो आज शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए नवरात्रि के सातवें दिन बहुत ही शुभ है। नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि की विधि-विधान से पूजा करने से ग्रहों की समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। शास्त्रों के अनुसार, आज का दिन ऐसे भी खास हैं क्योंकि आज कालरात्रि मां की पूजा और शनिवार का दिन दोनों का सयोंग बहुत ही भाग्य से होता है। तो आइए आज इस खबर में जानेंगे कि किस तरह मां कालरात्रि की पूजा का करने से शनि दोष से मुक्ति पा सकते हैं। साथ ही उनके ढैय्या और साढ़ेसाती से भी मुक्ति पा सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं।

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मां कालरात्रि का मंत्र

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी जातक की कुंडली में  शनि दोष हैं, जिसके कारण जातक को शारीरिक, आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं। तो ऐसे में आपको आज मां कालरात्रि की पूजा करते समय उनके मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नम:’ का जाप करें। इस मंत्र का जाप जितना हो सके उतना करें। मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से जातक को मां कालरात्रि के साथ शनिदेव की कृपा होती है। साथ ही कुंडली से शनि दोष से भी मुक्ति मिलती है।

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शनिदेव का करें महामंत्र जाप

मान्यताओं के अनुसार, यदि आप आज के दिन कालरात्रि की पूजा के साथ शनिदेव के महामंत्र ‘नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्, छाया मार्तण्ड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम्’का जाप करने से कुंडली से शनिदोष समाप्त हो जाता है। मान्यताओं के अनुसार, जो जातक ब्राह्मण से शनिदेव के महामंत्र का जाप 92 हजार बार विधि-विधान से करवाता है, तो ऐसे में जातक को शनि संबंधित सारी परेशानियों से छुटकारा मिल जाती है।

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डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Written By

Raghvendra Tiwari

First published on: Oct 21, 2023 10:06 AM

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