Shadashtak Yoga: कर्मफल के स्वामी और न्यायाधीश शनि इस समय कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि की मूल त्रिकोण राशि है। वहीं, केतु अभी कन्या राशि में स्थित हैं, जो कि बुध के स्वामित्व वाली राशि है। ज्योतिष गणना के अनुसार, न्यायाधीश शनि और छाया ग्रह केतु की स्थिति एक-दूसरे से से छठे और आठवें भाव में बन रही है, जिससे शनि-केतु के षडाष्टक योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में छठा और आठवां भाव संघर्ष, चुनौतियों और परिवर्तनों का प्रतिनिधित्व करते हैं। लेकिन ज्योतिष शास्त्र का एक सिद्धांत यह है कि जब अशुभ भाव में अशुभ ग्रह बैठते हैं, तो वे शुभ फल देने लगते हैं. इसलिए ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शनि और केतु का यह योग बेहद फलदायी है.
शनि-केतु षडाष्टक योग का ज्योतिष महत्व
ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत यह है कि जब अशुभ ग्रह अशुभ भावों में स्थित होते हैं, तो वे सकारात्मक फल देने की क्षमता रखते हैं। यदि यह योग 6वें या 8वें भाव में हो, तो यह जातक को शत्रुओं और रोगों पर विजय पाने में सक्षम बनाता है। साथ ही, यह योग जातक को संघर्षों से बाहर निकलने और नए अवसरों को पहचानने में मदद करता है। केतु और शनि दोनों ही रहस्यमय और गूढ़ विषयों से जुड़े हैं। जब ये षडाष्टक योग बनाते हैं, तो जातक को ज्योतिष, तंत्र, मंत्र, शोध और विज्ञान जैसे विषयों में रुचि और सफलता मिल सकती है। यह योग सिखाता है कि कठिनाइयों और बाधाओं के बावजूद, अनुशासन और धैर्य से लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
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शनि-केतु के षडाष्टक योग का राशियों पर असर
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शनि और केतु का षडाष्टक योग जातक को आत्मनिर्भर, दृढ़ निश्चयी और मानसिक रूप से मजबूत बनाएगा. इन दोनों ग्रहों के प्रभाव से वे कर्म के प्रति अधिक लगनशील होंगे. शीघ्र ही जातकों का धन संकट दूर होने के योग हैं और उनकी सभी परेशानियां खत्म होंगी. यूं तो इन दोनों ग्रहों के षडाष्टक योग का असर सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन 5 राशियों के लिए ये बेहद सकारात्मक और लाभकारी प्रभाव साबित होंगे। आइए जानते हैं, ये 5 भाग्यशाली राशियां कौन-सी हैं?
मेष राशि
मेष राशि के जातक इस योग के प्रभाव से अपने भीतर एक नई ऊर्जा का अनुभव करेंगे। पेशेवर जीवन में गहन मेहनत के बाद सफलता प्राप्त होगी। यह योग जातकों को अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने में मदद करेगा। आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी. यह योग आत्म-विश्लेषण की प्रेरणा देगा, जिससे आप अधिक आत्मविश्वासी बनेंगे। इस दौरान जातक तंत्र, ज्योतिष, या किसी रहस्यमय क्षेत्र में रुचि ले सकते हैं और उसमें गहरी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। मेष राशि के लोग अपने आवेगों को नियंत्रित कर पाने में सक्षम होंगे। जीवन में एक नया अनुशासन स्थापित होगा।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों को अपने मन की शांति के लिए आध्यात्मिक मार्ग अपनाने की प्रेरणा मिलेगी। इस योग के प्रभाव से ध्यान और योग का अभ्यास बढ़ेगा। परिवार के प्रति संवेदनशीलता बढ़ेगी। जातक पुराने मतभेदों को सुलझाकर परिवार में सामंजस्य स्थापित करेंगे। कठिनाइयों से उबरने की शक्ति होगी. जीवन में आने वाली चुनौतियों से जातक न केवल उबरेंगे, बल्कि इनसे प्रेरणा लेकर बेहतर भविष्य की नींव रखेंगे। वित्तीय दृष्टि से जातक अधिक जागरूक होंगे। यह योग उन्हें धन बचत और योजनाबद्ध निवेश में मदद करेगा। धन लाभ होने से रुके हुए काम संपन्न होंगे.
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों को गहन अध्ययन, शोध, और विश्लेषणात्मक कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। यदि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, तो इस योग के प्रभाव से सुधार होगा। जातक अपने जीवनशैली में बदलाव लाकर स्वस्थ रह सकते हैं। नौकरी या व्यवसाय में जातक को कठिन परिश्रम के बाद अप्रत्याशित लाभ मिलेगा। नई योजनाओं में सफलता प्राप्त होगी। यह योग जातकों को जटिल समस्याओं को सुलझाने की अद्वितीय क्षमता प्रदान करेगा। जातक अपने निर्णयों में अधिक तर्कसंगत और प्रभावी होंगे। जीवन में अनुशासन स्थापित होगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातक तंत्र-मंत्र, ज्योतिष, या किसी गूढ़ विज्ञान में गहरी रुचि लेकर उसमें विशेषज्ञता प्राप्त करेंगे। यह योग जातकों को अपने जीवन में पुराने अनुभवों को पीछे छोड़कर नए सिरे से शुरुआत करने की प्रेरणा देगा। वृश्चिक जातकों के भीतर कठिन समय में धैर्य और अनुशासन विकसित होगा। यह उन्हें जीवन की हर चुनौती का सामना करने में सक्षम बनाएगा। जातक अपने रिश्तों को बेहतर बनाने की दिशा में काम करेंगे। पुराने मतभेद समाप्त होंगे। वित्तीय मामलों में सुधार होगा। निवेश से लाभ मिलने की संभावना है।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों को करियर में लंबे समय तक चलने वाली स्थिरता प्राप्त होगी। कठिन परिश्रम के बाद प्रतिष्ठा और सम्मान मिलेगा। जातकों की नेतृत्व और प्रबंधन क्षमता में वृद्धि होगी। वे बड़ी जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभा सकेंगे। जातक ध्यान और साधना के माध्यम से अपनी आत्मिक शक्ति को पहचान पाएंगे। परिवार के साथ संतुलन और सामंजस्य बनेगा। जातक अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे और उन्हें बखूबी निभाएंगे। यह योग संपत्ति और धन के मामलों में लाभ दिला सकता है। जातक अपने संसाधनों का सही उपयोग करेंगे।
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