---विज्ञापन---

सावन सोमवार पर आज जरूर कर लें शिवजी के इस स्तोत्र का पाठ, कालसर्प दोष भी हो जाएंगे दूर

Sawan 5th Somwar: आज सावन मास का पांचवा सोमवार है। ऐसे में इस दिन भक्त भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए मंदिर में जाकर उनका जलाभिषेक करेंगे। धार्मिक मान्यता है कि सावन में शिवजी की उपासना हर प्रकार से लाभकारी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अधिक मास में सावन का संयोग बनने के कारण इस […]

Edited By : Dipesh Thakur | Updated: Aug 7, 2023 08:09
Share :
Sawan 5th Somwar
सावन सोमवार पर आज जरूर कर लें शिवजी के इस स्तोत्र का पाठ, कालसर्प दोष भी हो जाएंगे दूर

Sawan 5th Somwar: आज सावन मास का पांचवा सोमवार है। ऐसे में इस दिन भक्त भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए मंदिर में जाकर उनका जलाभिषेक करेंगे। धार्मिक मान्यता है कि सावन में शिवजी की उपासना हर प्रकार से लाभकारी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अधिक मास में सावन का संयोग बनने के कारण इस दौरान शिवजी की पूजा अत्यंत लाभकारी मानी गई है. वैसे तो सावन सोमवार पर शिवजी को प्रसन्न करने के लिए भक्त कई उपाय और विशेष पूजा करते हैं. लेकिन हम आपको आज शिवजी के एक ऐसे स्तोत्र के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके पाठ से शिवकी विशेष कृपा पाई जा सकती है. आइए जानते हैं शिवजी के इस स्तोत्र के बारे में.

शिव पंचाक्षर स्तोत्र की महिमा (Shiva Panchakshara Stotra)

शिव पंचाक्षर स्तोत्र के पांच श्लोकों में ‘नम: शिवाय’ यानी ‘न’, ‘म’, ‘शि’, ‘वा’ और ‘य’ में शिवजी के स्वरूपों का वर्णन किया गया है। इसमें शिवजी की स्तुति की गई है। साथ ही शिवजी के स्वरूप व गुणों की व्याख्या की गई है। मान्यता है कि सावन सोमवार पर इस स्तोत्र का पाठ करने से शिवजी बहुत प्रसन्न होते हैं। ऐसे में शिवजी की पूजा के दौरान खासतौर पर सोमवार के दिन इस स्तोत्र का पाठ जरूर करें। इसके साथ ही अगर कुंडली में कालसर्प दोष या योग है तो इस स्त्रोत का पाठ जरूर करना चाहिए। माना जाता है कि इस स्तोत्र के पाठ से कालसर्प दोष भी दूर हो जाते हैं।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें: कल सावन सोमवार पर बनने जा रहे हैं ये खास संयोग, जानें पूजा मुहूर्त और विधि

शिव पंचाक्षर स्तोत्र (Shiva Panchakshara Stotra)

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:।।

---विज्ञापन---

मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:।।

शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:।।

वशिष्ठ कुभोदव गौतमाय मुनींद्र देवार्चित शेखराय।
चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै व काराय नम: शिवाय:।।

यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै य काराय नम: शिवाय:।।

पंचाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेत शिव सन्निधौ।
शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते।।

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे ‘न’ काराय नमः शिवायः।।

डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

HISTORY

Edited By

Dipesh Thakur

First published on: Aug 07, 2023 08:08 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें