Sankashti Chaturthi 2024: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का ज्यादा महत्व होता है। पूजा-पाठ में देवी-देवता की पूजा करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। गणेश भगवान को प्रथम पूज्य माना गया है। मान्यता है कि इनकी पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं साथ ही सभी कठिनाइयों से मुक्ति भी मिलती है।
कुछ दिनों बाद नए साल की शुरुआत होने वाली है। नए साल के पहले माह जनवरी में कई सारे पर्व त्यौहार पड़ते हैं। इस माह में भगवान का गणेश का प्रिय पर्व लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी भी पड़ रहा है। दृक पंचांग के अनुसार, लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी 29 जनवरी 2024 दिन सोमवार को है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करते समय 21 पवित्र मंत्रों व पत्तियों से पूजा की जाती है।
मान्यता है कि इन दिनों विधि-विधान से पूजा करने से भगवान गणेश बेहद प्रसन्न होते हैं। साथ ही अपने भक्तों को शक्ति, दीर्घायु, बुद्धि, धन और समृद्धि प्रदान करते हैं। तो आज इस खबर में जानेंगे आखिर चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करते समय कौन से 21 मंत्र व पत्तियां हैं, जिनसे पूजन करनी चाहिए। आइए विस्तार से जानते हैं।
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इन मंत्रों के साथ करें पत्तियों को अर्पित
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करते समय ॐ सुमुखाय नमः कहकर शमी पत्र अर्पित करें। इससे गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है।
ॐ उमा पुत्राय नमः मंत्र का जाप करके बिल्व पत्र अर्पित कर सकते हैं।।
ॐ गजमुखाय नमः मंत्र का जाप करें और दुर्वा के पत्ते अर्पित करें।
ॐ लम्बोदराय नमः मंत्र का जाप करके बेर का पत्ता अर्पित करें।
ॐ हर सूनवे नमः मंत्र का जाप करके धतूरे का पत्ता अर्पित कर सकते हैं
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ॐ शूर्पकर्णाय नमः मंत्र का जाप करें और इसके बाद तुलसी पत्र अर्पित करें।
ॐ वक्रतुण्डाय नमः मंत्र का जाप करके सेम का पत्र चढ़ावें।
ॐ गुहाग्रजाय नमः मंत्र का जाप करके अपामार्ग पत्र चढ़ावें।
ॐ एकदन्ताय नमः मंत्र का जाप करें और भटकटैया का पत्र चढ़ावें।
ॐ हेरम्बराय नमः मंत्र का जाप करने के बाद सिन्दूर वृक्ष का पत्र या सिन्दूर चूर्ण अर्पित करना चाहिए।
ॐ चतुर्होत्रै नमः मंत्र का जाप करें और तेजपात चढ़ावें।
ॐ सर्वेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें। उसके बाद अगस्त्य का पत्र अर्पित करें। इससे गजानन प्रसन्न होते हैं।
ॐ विकटाय नमः मंत्र का जाप करते हुए कनेर का पत्र चढ़ावें।
ॐ हेमतुण्डाय नमः मंत्र का जाप करें और केला पत्र अर्पण करें।
ॐ विनायकाय नमः मंत्र का जाप करें और अर्क पत्र अर्पित करें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पूजा करते समय ॐ कपिलाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए और अर्जुन पत्र अर्पित करना चाहिए।
ॐ वटवे नमः मंत्र का जाप करें और देवदारू का पत्र चढ़ावें।
ॐ भाल चन्द्राय नमः मंत्र का जाप करते हुए मरुआ का पत्र अर्पित करें।
ॐ सुराग्रजाय नमः मंत्र का जाप करें उसके बाद गान्धरी (गण्डारि) वृक्ष का पत्र चढ़ावें।
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः मंत्र का जाप करें और केतकी का पत्र प्रीतिपूर्वक चढ़ावें।
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