---विज्ञापन---

भगवान को चढ़ने वाला फूल बिना नहाए क्यों तोड़ते? पं. प्रदीप मिश्रा से इसकी खास वजह जानिए

Puja Flower Astro Tips: आमतौर पर लोग जानते हैं कि भगवान की पूजा के लिए फूल स्नान के बाद तोड़ना चाहिए। हालांकि कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने वायु पुराण के मुताबिक बताया कि भगवान को चढ़ाने वाला फूल बिना नहाए क्यों तोड़ा जाता है।

Edited By : Dipesh Thakur | Updated: Nov 7, 2023 11:47
Share :
Puja Flower Astro Tips
Puja Flower Astro Tips

Puja Flower Astro Tips: भगवान की पूजा में फूल का खास महत्व होता है। वैसे तो शास्त्रों में कहा गया है कि भावम् इच्छंति देवताः यानी भगवान को भाव बेहद प्रिय है। दूसरे अर्थों में अगर पूजन के दौरान मन में भाव अच्छे हैं, भगवान को समर्पित की गई वस्तुओं के प्रति भाव अच्छे हैं तो देवता भी उसे स्वीकार करते हैं। शास्त्रों में अलग-अलग कामनाओं की पूर्ति के लिए अलग-अलग देवी-देवताओं के पूजन का विधान है। भक्त अपने ईष्ट देव को उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित करते हैं, ताकि वे प्रसन्न होकर उन्हें इच्छित वर प्रदान कर सकें। जब कोई व्यक्ति घर या मंदिर में पूजा करता है उस क्रम में वह पूजन सामग्री के तौर पर पुष्प को जरूर शामिल करता है। लेकिन क्या आपको पता है कि भगवान को चाढ़ाए जाने वाले फूल बिना नहाए क्यों तोड़ते हैं, इसके पीछे धार्मिक वजह क्या है? अगर आप भी अब तक पूजा से जुड़ी इस बात से अनजान हैं तो कथावाचक और धर्म-शास्त्रों के ज्ञाता पं. प्रदीप मिश्र के जानिए कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है।

पं. प्रदीप मिश्रा के मुताबिक ऐसे तोड़ना चाहिए फूल

प्रसिद्धि कथावाचक पं. प्रदीप मिश्र के मुताबिक, अगर कोई शंकर भगवान या अन्य देवी-देवताओं की पूजा के निमित्त फूल तोड़ता है तो उसे नहाकर नहीं तोड़ना चाहिए। इस संबंध में प्रदीप मिश्रा आगे बताते हैं कि भगवान की पूजा के निमित्त जो पुष्प तोड़ा जाता है, उसे नहाने से पहले ही तोड़ लेना चाहिए। पं. प्रदीप मिश्रा करते हैं कि वायु पुराण में ऐसा जिक्र है कि भगवान के लिए तोड़े गए पुष्प को धोया भी नहीं जाता है। भगवान को समर्पित करने के लिए तोड़े गए पुष्प लाकर जब डाली में रख देते हैं और स्नान के बाद जब उसे देवी-देवताओं को अर्पित करते हैं, तो उससे जीवन के कई दोष मिट जाते हैं।

फूल तोड़ते वक्त कौन सा मंत्र बोलें?

दरअसल देवी-देवताओं के लिए पुष्प तोड़ने का विधान शास्त्रों में भी बताया गया है। जिसके मुताबिक, अगर कोई सुबह में स्नान के बाद भगवान के लिए फूल तोड़ता है तो उसे खास मंत्र का उच्चारण करके ही ऐसा करना चाहिए। फूल तोड़ने के लिए शास्त्रों में जिस मंत्र का जिक्र किया गया है वह है- “मा नु शोकं कुरुष्व त्वं, स्थान त्यागं च मा कुरु। मम इष्ट पूजनार्थाय, प्रार्थयामि वनस्पते।।” इस मंत्र में मम ईष्ट के स्थान पर अपने ईष्ट का नाम लेना चाहिए। इसके बाद भी पहला पुष्प तोड़ते समय ओम् वरुणाय नम:, दूसरा पुष्प तोड़ते समय- ओम् व्योमाय नम:, तीसरा पुष्प तोड़ते समय- ओम् पृथिव्यै नम: बोचना चाहिए। उसके बाद इच्छा के अनुसार पुष्पांजलि के लिए फूल तोड़ें। ऐसा करने से पूजन का भी उचित फल प्राप्त होता है।

यह भी पढ़ें: वर्षों बाद शुक्र-सूर्य की युति से बना नीचभंग राजयोग, 3 राशि वालों की लगेगी लॉटरी!

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Nov 07, 2023 11:27 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें