Premanand Maharaj on Puja Path: पूजा-पाठ करने से मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही भक्त के अंदर सकारात्मक विचार आते रहते हैं। विचारों की नकारात्मकता को दूर करने के लिए संत और गुरु लोग रोजाना पूजा-पाठ और मंत्र जाप की सलाह देते हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर लोग ऐसा कहते मिल जाते हैं कि उन्हें नियमित रूप से पूजा-पाठ करने का समय नहीं मिलता।
इसी बात को लेकर संत प्रेमानंद जी महाराज से किसी भक्त ने पूछा क्या बिना दिनचर्या के भगवान की प्राप्ति हो सकती है? भक्त की जिज्ञासा (जानने की इच्छा) का समाधन करने लिए महाराज ने एक कथा सुनाई। यह कथा बेहद खास और प्रेरणा देने वाली है।
रोजना पूजा-पाठ क्यों है जरूरी?
संत प्रेमानंद ने कहा- एक संत जो सिद्ध महापुरुष थे, कहीं से जा रहे थे। रास्ते में उन्हें एक शराब पीने वाले ने देख लिया। संत को देखकर उसने बोला-“बाबा माला फेरते बहुत समय हो गए… आकर एक पैग लगा ले, मस्ती आ जाएगी।” इस बात पर बाबा बोले- “भैया तूने अब तक ना जाने कितने पैक लगा लिए, पर अब तक तुम्हें मस्ती नहीं आई लेकिन मैं एक पैक पिला दूं तो तू आजीवन (जीवनभर) मस्त रहेगा।”
इस बात पर शराबी, बाबा से बोला- “निकालिए अपना पैग।” बाबा ने उससे कहा कि उनके पास निकालने के लिए कुछ नहीं है, वे तो त्रिकालज्ञ (भूत, वर्तमान और भविष्य को जानने वाला) हैं।
‘गोविंद, गोविंद’
बाबा ने उस शराबी से कहा कि उसकी मृत्यु सात दिन में हो जाएगी। इतना सुनकर शराबी बाबा के चरणों में गिर गया। इसके बाद उसने बाबा से पूछा कि उसका कल्याण कैसे होगा। इस बात पर बाबा ने उसे ‘गोविंद, गोविंद’ जपने की सलाह दी। साथ ही उसको शराब ना पीने के लिए कहा। शराबी, घर जाकर परिवार वालों से बता दिया कि सात दिन तक उससे कोई ना बोले। उसने परिवार के लोगों से यह भी बताया कि उसकी मृत्यु सात दिन में हो जाएगी। ऐसे में वह बाबा की सलाह से ‘गोविंद’ नाम का जाप करेगा।
सात दिन बाद क्या हुआ?
बाबा की सलाह से वह ऐसा करने लगा। हर समय वह ‘गोविंद’ नाम का जाप करता रहता था। सातवां दिन जब आया तो उस व्यक्ति की घबराहट और अधिक बढ़ गई। उसी दिन संत (बाबा) उसके पास पहुंच गए जिन्होंने उससे कहा था कि सात दिन के अंदर उसकी मृत्यु हो जाएगी। बाबा, ‘गोविंद’ नाम का जाप कर रहे उस व्यक्ति के पास पहुंचकर बोले-“तू डर मत। सोमवार से लेकर रविवार के दौरान सात दिन में ही उसकी मृत्यु होगी। लेकिन, तू अमर हो गया। आगे से बराबर गोविंद, गोविंद रटता रह।”
रोजाना नाम जाप है जरूरी
कहानी के द्वारा प्रेमानंद जी ने बताया कि नियमित पूजा-पाठ करने से भगवान की प्राप्ति संभव है। प्रेमानंद जी महाराज ने स्पष्ट तौर पर कहा कि मनमानी भोग करने और कभी-कभी नाम जप लेने से भगवान की कृपा प्राप्त नहीं हो सकती है। ऐसे में अगर कोई चाहता है कि भगवान की प्राप्ति हो जाए तो उसे रोजाना पूजा-पाठ या नाम जाप करना होगा।
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