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इश्क में बेवफाई, प्यार में धोखा… कुंडली के ये ग्रह हैं इसके जिम्मेदार

Planet Responsible for Betrayal: मनुष्यों के जीवन, व्यवहार और काम पर ग्रहों, राशियों और नक्षत्रों का प्रभाव पड़ता है। लव रिलेशनशिप के बनने-बिगड़ने में इनकी अहम भूमिका होती है। ज्योतिषशास्त्र में कुछ ग्रहों को प्यार में धोखा का जिम्मेदार बताया है। आइए जानते हैं, प्यार में धोखा के लिए कौन-सा ग्रह जिम्मेदार है?

Edited By : News24 हिंदी | Updated: May 2, 2024 18:17
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ग्रहों के योग-संयोग से रिश्ते भी प्रभावित होते हैं।

Planet Responsible for Betrayal: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्तिगत संबंध और प्यार के मामले में ग्रहों, राशियों और नक्षत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ग्रहों, राशियों और नक्षत्रों की शुभ-अशुभ प्रकृति, दृष्टि, स्थिति और योग के कारण इश्क में बेवफाई मिलती है। जन्म कुंडली के शुभ ग्रहों के मजबूत होने के कारण प्रेम में सफलता मिलती है, जबकि ग्रहों के कमजोर होने व्यक्ति को प्यार में धोखा मिलता है। आइए जानते हैं, प्यार में धोखा के लिए कौन-सा ग्रह जिम्मेदार है?

कुंडली में सच्चा प्यार मिलने का योग

कुंडली का त्रिकोण भाव ‘पंचम’ और केंद्र भाव ‘सप्तम’ व्यक्ति के प्रेम संबंधों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन भावों में शुभ ग्रह के होने से लव रिलेशनशिप मजबूत होता है। पार्टनर का पूरा सहयोग मिलता है। ज्योतिष मान्यताओं के मुताबिक, जब इन दोनों भाव पर शुभ ग्रह की दृष्टि पड़ती है, तब व्यक्ति को सच्चा प्यार मिलने का योग बनता है।

साथ ही आपको यह भी बता दें कि ‘पंचम’ और ‘सप्तम’ भाव पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ने से न केवल रिश्ते मजबूत होते हैं, बल्कि पार्टनर के भाग्य में भी सकारात्मक बदलाव आते हैं। वहीं दूसरी ओर जब इन भावों में अशुभ और क्रूर ग्रह स्थित होते हैं या ऐसे ग्रहों की दृष्टि पड़ती है, तो लव लाइफ में हमेशा प्रॉब्लम होता है।

इस वजह से मिलता है प्यार में धोखा

कुंडली के पंचम और सप्तम भाव के स्वामी ग्रह यानि पंचमेश और सप्तमेश जब कुंडली में कमजोर होते हैं, तो प्यार में सफलता नहीं मिलती है। लवर्स को धोखा मिलता है और यह बार-बार मिल सकता है। रिलेशनशिप में झगड़ा बढ़ सकता है, रिश्ते टूट सकते हैं। यहां तक कि पति-पत्नी में तलाक भी हो जाता है।

इश्क में बेवफाई के ग्रह योग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब राहु, मंगल, सूर्य और शनि ग्रह अपनी नीच राशि में होते हैं और अपनी नीच राशि से पंचम और सप्तम भाव या पंचमेश और सप्तमेश पर दृष्टि डालते हैं, तब यह स्थिति आशिकों के लिए अच्छी नहीं होती है। वहीं, चंद्रमा के राहु या केतु की युति के कारण भी लव लाइफ में प्रॉब्लम आती है। चंद्रमा मन का कारक है। उसके कमजोर होने से लवर्स के बीच बात-बात झगड़ा होने लगता है और नौबत ब्रेकअप तक पहुंच जाती है।

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राहु और केतु की महादशा

ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु अलगाव कराने वाले ग्रह माने गए हैं। राहु और केतु की महादशा में व्यक्ति के पास धैर्य और सहनशीलता नहीं होती है। उसे रिश्ते में बंधने से भय लगता है। इसकी वजह से लव लाइफ में अस्थिरता बढ़ जाती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अधिकांश तलाक और ब्रेकअप राहु की महादशा में होते हैं। वहीं, केतु की महादशा में व्यक्ति तलाक के साथ-साथ कानूनी पचड़े में भी पड़ जाता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: May 02, 2024 06:17 PM

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