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Matra Navami 2023: आश्विन कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी कहा जाता है। इस साल मातृ नवमी 7 अक्टूबर को पड़ रही है। इस दिन परिवार की ऐसी दिवंगत माताओं, बहुओं और बेटियों के निमित्त पिंडदान किया जाता है, जिनकी मृत्यु सुहागिन स्त्री के रूप में हुई हो। ऐसे में मातृ नवमी के दिन इनसे निमित्त श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। ऐसे में आए जानते हैं मातृ नवमी के लिए शुभ मुहूर्त और श्राद्ध की पूरी विधि के बारे में विस्तार से।
मातृ नवमी कब है?
- नवमी तिथि का प्रारंभ – 7 अक्टूबर, सुबह 08 बजकर 09 मिनट शुरू
- नवमी तिथि का समापन – 8 अक्टूबर, सुबह 10 बजकर 13 मिनट तक
पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म दोपहर के समय किए जाते हैं। ऐसे में 7 अक्टूबर 2023, शनिवार को मातृ नवमी मनाई जाएगी। मातृ नवमी के दिन शिव नामक शुभ योग बन रहा है और बुध हस्त नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
मातृ नवमी 2023 श्राद्ध विधि
पितृ पक्ष की नवमी तिथि के दिन सुबह सवेरे उठें और स्नानादि के बाद साफ-सुथरे सफेद वस्त्र धारण करें। इसके बाद दक्षिण दिशा में एक चौकी रखकर उस पर सफेद रंग का आसन बिछाएं। इसके बाद चौकी पर अपने मृत परिजन (माता, दादी, बहन) की फोटो रखकर इस पर फूल माला अर्पित करें। इतना करने के बाद उनकी तस्वीर से सामने तिल के तेल का दीपक जलाएं। फिर अपने पूर्वजों की तस्वीर पर गंगाजल और तुलसी अर्पित करें। इसके बाद विधि पूर्वक तर्पण और दान कर्म करें। पितृ तर्पण के बाद अपने पितरों के निमित्त पंचबली (भोजन) निकालें। पंचबली के अन्तर्गत 5 जीवों के निमित्त भोजन निकाला जाता है। यानी इस दिन गाय, कौआ, चींटी, चिड़िया और ब्राह्मण के लिए भोजन निकालें।
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