माघ पूर्णिमा पूजन विधि
कुछ विशेष स्नानों को छोड़कर सभी स्नानों का ब्रह्म मुहूर्त में ही किया जाता है। अब बात करें माघ पूर्णिमा की तो इसकी भी एक पूजा और विधि (Magh Purnima 2023 Pujan Vidhi) है। धार्मित गुरुओं की बातों पर ध्यान दें तो इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में ही स्नान करना चाहिए।
वैसे तो माघ पूर्णिमा को गंगा स्नान का विशेष का महत्व है, लेकिन अगर आप गंगा स्नान को नहीं जा पाते हैं तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल डाल लें। स्नान की शुरुआत पैरों से करें। इस दौरान भगवान विष्णु का स्मरण करें। इसके बाद अपने हाथों को गिला करें तो ब्रह्मा जी को याद करें। तत्पश्चात अपने सिर पर जल डालें और भगवान महेश यानी शिव का ध्यान करें।
इस सामग्री को करें अर्पित
हिंदू मान्यताओं के अनुसार यदि आप अपने घर के बाथरूम में ही इस विधि से स्नान करते हैं तो वह गंगा का स्नान माना जाता है। इसके बाद आप ऊं नमो नारायण का स्मरण करें। एक पात्र में जल, उसमें थोड़ी हल्दी और कुछ मीठा (गुड़ या चीनी के दाने) डालें और सूर्य नारायण का अर्घ्य दें।
इसके बाद आप भोग स्वरूप चरणामृत, पान, तिल, रोली, फल, सुपारी आदि अर्पित करें। माना जाता है इस दिन पूजा और दान से मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। साथ ही अन्न आदि का दान करें। हिंदू धर्म के मुताबिक माघ पूर्णिमा के स्नान को मोक्ष की प्राप्ति से भी जोड़ा जाता है।
माघ मेले का महत्वपूर्ण स्नान है माघिन पूर्णिमा
माघ पूर्णिमा के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रयागराग माघ मेला (Magh Mela 2023) में एक स्नान माघ पूर्णिमा का भी है। माघ मेले में होने वाले बड़े स्नानों पर गौर करें तो 6 जनवरी 2023 को पौष पूर्णिमा, 14-15 जनवरी 2023 को मकर संक्रांति, 21 जनवरी 2023 को मौनी अमावस्या विशेष थे।
अब आगामी स्नानों की बात करें तो 5 फरवरी 2023 को माघी पूर्णिमा या फिर माघिन पूर्णिमा और 18 फरवरी 2023 को महाशिवरात्रि पर बड़ा स्नान होगा। माघ मेला प्रबंधन के मुताबिक पिछले सभी स्नानों में भारी संख्या में श्रद्धालु संगम में पहुंचे थे। अब माघ पूर्णिमा को भी खासी संख्या में लोगों के पहुंचने का अनुमान है।
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