---विज्ञापन---

Kundali Dosh: कुंडली के सबसे घातक और खतरनाक हैं ये 5 दोष, 1 का होने से शुरू हो जाता है बुरा वक्त

Kundali Dosh: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली में कालसर्प दोष, मंगल दोष, शनि दोष और चांडाल दोष बनता है, तो व्यक्ति का जीवन तबाह हो जाता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कुंडली के 5 सबसे घातक और खतरनाक दोष के बारे में। तो आइए विस्तार से जानते हैं।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Oct 31, 2023 17:32
Share :
Kundali Dosh
Kundali Dosh

Kundali Dosh: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी जातक की कुंडली में दोष उत्पन्न होने लगता है, तो उनके जीवन में कई तरह की समस्या आने लगती है। इसके साथ ही हर समय परेशानियों का सामना करना पड़ता था। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसे तो कुंडली में कई तरह के दोष बनते हैं, लेकिन 5 ऐसे दोष होते हैं, जिनका कुंडली में बनने से जातक के जीवन में तबाही आने लगती है। तो आज इस खबर में जानेंगे कुंडली के ऐसे 5 खतरनाक और घातक दोष जो जातक का जीवन तबाह कर देता है। तो आइए विस्तार से जानते हैं।

कुंडली के 5 खतरनाक दोष

शनि दोष

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली के सबसे खतरनाक दोष शनि दोष को माना गया है। यह दोष बहुत ही अशुभ होता है। मान्यता है कि जिस जातक की कुंडली में शनि दोष होता है व्यक्ति को समाज में हर समय अपमान होना पड़ता है। इसक साथ ही शनि दोष से नौकरी, कारोबार और व्यापार में हर कदम पर नुकसान उठाना पड़ता है।

मांगलिक दोष

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली में लग्न भाव, चौथे भाव, सातवें भाव, आठवें और दसवें भाव में मंगल ग्रह स्थित होता है, जातक की कुंडली में मंगल दोष बन जाता है। मान्यता है कि जिस जातक की कुंडली में मंगल दोष बनता है, उसके विवाह संबंधित समस्या, रक्त संबंधित समस्या और भूमि-भवन संबंधित समस्याएं हर समय उत्पन्न होती रहती हैं।

यह भी पढ़ें- करवा चौथ पर न दिखे चांद तो 5 तरीकों से भी पा सकती हैं चंद्र देव का आशीर्वाद, पूजा हो जाएगी सफल

कालसर्प दोष

काल सर्प दोष को कुंडली का सबसे धातक दोष कहा जाता है। मान्यता है कि कुंडली में जब राहु-केतु खराब होते हैं, तो कालसर्प दोष बन जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस जातक की कुंडली में काल सर्प दोष बन जाता है, तो ऐसे में संतान और धन संबंधित समस्याएं होने लगती है। इसके साथ ही जीवन में की कई तरह के उतार-चढ़ाव आने लगता है।

प्रेत दोष

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब जातक की कुंडली में प्रथम भाव में चंद्र के साथ राहु की युति होती है और पंचम व नवम भाव में कोई क्रूर ग्रह स्थित रहता है, तो ऐसे में जातक पर भूत-प्रेत, पिशाच या फिर बुरी आत्माओं का प्रभाव पड़ने लगता है। इसके साथ ही जातक हर समय डरा-डरा रहता है।

चाण्डाल दोष

जब किसी जातक की कुंडली में गुरु-राहु की युक्ति होती है, तो उस स्थिति में चांडाल दोष बनता है। मान्यता है कि जब किसी जातक की कुंडली में चांडाल दोष बनता है, तो व्यक्ति किसी बुरी संगत का शिकार होने लगता है। इसके साथ ही जीवन बर्बाद हो जाता है।

यह भी पढ़ें- करवा चौथ पर चांद को अर्घ्य देते समय क्यों मिलाया जाता है दूध में पानी, जानें ज्योतिष शास्त्र का नियम

डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Oct 31, 2023 05:32 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें