गुरु की महादशा के लिए (Guru Ke Upay)
देवगुरु बृहस्पति की महादशा होने या इस ग्रह के प्रतिकूल होने पर व्यक्ति को प्रत्येक गुरुवार को भगवान विष्णु और केले की पूजा करनी चाहिए। साथ ही प्रतिदिन केले के वृक्ष के नजदीक देसी घी का दीपक जलाना चाहिए। विष्णु मंदिर में जाकर भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, गुड़, पीली मिठाई आदि चढ़ानी चाहिए। इससे गुरु अनुकूल होकर अच्छा फल देने लगता है।
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शुक्र की महादशा के लिए (Shukra Ke Upay)
ज्योतिष में शुक्र को भोग, विलास और वैभव का प्रतीक माना गया है। शुक्र ग्रह के विपरीत होने पर प्रत्येक शुक्रवार को व्रत करना चाहिए। साथ ही प्रतिदिन लक्ष्मी सूक्त व श्रीसूक्त का पाठ करना चाहिए। हाथ में हीरा पहनने से भी शुक्र अनुकूल बनता है।
शनि की महादशा के लिए (Shani Ke Upay)
न्याय के कारक ग्रह शनि से सभी को भय लगता है। शनि की महादशा लगने पर व्यक्ति को तुरंत ही हनुमानजी की शरण ले लेनी चाहिए। प्रत्येक मंगलवार व शनिवार को हनुमान जी के मंदिर जाकर उनकी पूजा करनी चाहिए। साथ ही पीपल के वृक्ष के नीचे दिया जलाना चाहिए। तुरंत राहत के लिए प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
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राहु की महादशा के लिए (Rahu Ke Upay)
यह एक छाया ग्रह है जो जिस भी ग्रह के साथ युति बनाता है, उसी के गुण और अवगुणों को बढ़ाने का काम करता है। राहु की महादशा होने पर भगवान शिव या भैरव की पूजा करनी चाहिए। काले कुत्ते को रोटी तथा पक्षियों को सात अनाज मिश्रित दाना डालना चाहिए। किसी विद्वान ज्योतिषी से पूछ कर गोमेद भी पहन सकते हैं।
केतु की महादशा के लिए (Ketu Ke Upay)
ज्योतिष में केतु को मोक्षदायक ग्रह बताया गया है। केतु की महादशा में गणेशजी की आराधना करनी चाहिए। गणेश मंदिर में ध्वजा लगाने, गरीबों को कंबल दान करने और पक्षियों को बाजरा खिलाने से भी प्रतिकूल केतु शुभ फल देने लगता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।