1 मई 2025 को चतुर्थी तिथि सुबह 11:23 बजे तक रहेगी, इसके बाद पंचमी तिथि शुरू होगी। मृगशिरा नक्षत्र दोपहर 2:21 बजे तक रहेगा, फिर आर्द्रा नक्षत्र प्रभावी होगा। अतिगण्ड योग सुबह 8:34 बजे तक रहेगा, जिसके बाद सुकर्मा योग शुरू होगा। करण की बात करें तो विष्टि करण सुबह 11:23 बजे तक रहेगा, फिर बव करण लगेगा। ग्रहों की स्थिति में सूर्य मेष राशि में उच्च के, चंद्रमा मिथुन में, बृहस्पति वृषभ में, मंगल कर्क में और केतु कन्या राशि में व शुक्र, बुध, राहु और शनि मीन में होंगे।
अतिगण्ड योग और विष्टि करण की अशुभ प्रकृति, साथ ही आर्द्रा नक्षत्र और मंगल, केतु, राहु की स्थिति, कुछ राशियों के लिए इस दिन को कठिन बना सकती है। आइए जानते हैं कि 1 मई का दिन किन राशि वालों के लिए अच्छा नहीं रहेगा।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए 1 मई 2025 का दिन मुश्किल भरा रहने वाला है। सूर्य मेष में उच्च का होने से आत्मविश्वास तो रहेगा, लेकिन कन्या में केतु और कर्क में मंगल मानसिक तनाव, अनावश्यक विवाद या कार्यों में देरी का कारण बन सकता है। अतिगण्ड योग सुबह 8:34 बजे तक और विष्टि करण सुबह 11:23 बजे तक के दौरान गलत निर्णय होने की संभावना है। आर्द्रा नक्षत्र के प्रभाव में दोपहर बाद भावनात्मक अस्थिरता बढ़ सकती है। इस दिन कार्यस्थल पर सहकर्मियों या वरिष्ठों के साथ बहस होने की संभावना है। बड़े वित्तीय निवेश या जोखिम भरे कार्य टालें, वरना नुकसान हो सकता है। आपको यात्रा करते समय सावधानी बरतें।
उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें और माथे पर लाल चंदन का तिलक लगाएं।
कन्या राशि
कन्या राशि में केतु की उपस्थिति इस दिन को विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण बनाएगी। केतु का प्रभाव मानसिक भ्रम, स्वास्थ्य समस्याएं या कार्यक्षेत्र में रुकावटें ला सकता है। मंगल का कर्क में रहना तनाव को और अधिक बढ़ाएगा। अतिगण्ड योग और विष्टि करण के प्रभाव से सुबह के समय कार्यों में असफलता या देरी हो सकती है। आर्द्रा नक्षत्र दोपहर बाद संवाद में गलतफहमियां बढ़ा सकता है। इस दिन स्वास्थ्य का ध्यान रखें, विशेष रूप से त्वचा, पेट या तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याओं से सावधान रहें। कार्यस्थल पर धैर्य बनाए रखें और महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सावधानी से जांच करें।
उपाय: गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें और ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का 21 बार जाप करें।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए यह दिन कुछ हद तक अशुभ हो सकता है। मीन में शुक्र, बुध, राहु और शनि की युति अप्रत्यक्ष रूप से तुला पर प्रभाव डालेगी, जिससे रिश्तों में भ्रम या तनाव हो सकता है। कन्या में केतु की उपस्थिति निर्णय लेने में असमंजस पैदा कर सकती है। विष्टि करण और अतिगण्ड योग के दौरान सुबह के समय बड़े निर्णय लेने से बचें। आर्द्रा नक्षत्र दोपहर बाद मानसिक अशांति बढ़ा सकता है। इस दिन वैवाहिक या रोमांटिक रिश्तों में गलतफहमियों से बचें, भावनात्मक प्रतिक्रियाओं पर नियंत्रण रखें, और वित्तीय मामलों, जैसे उधार या निवेश, में सतर्कता बरतें।
उपाय: माता लक्ष्मी को कमल का फूल चढ़ाएं और ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं’ मंत्र का 11 बार जाप करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए कन्या में केतु और मीन में राहु की उपस्थिति इस दिन को तनावपूर्ण बना सकती है। मंगल की कर्क में स्थिति और उसकी दृष्टि क्रोध या आवेग को बढ़ा सकती है। अतिगण्ड योग और विष्टि करण के प्रभाव से सुबह के समय कार्यों में देरी या अनावश्यक खर्च हो सकता है। आर्द्रा नक्षत्र के प्रभाव में दोपहर बाद भावनात्मक फैसले लेने से नुकसान हो सकता है। इस दिन क्रोध या जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें, क्योंकि इससे रिश्तों या कार्यक्षेत्र में नुकसान हो सकता है। यात्रा करते समय सावधानी बरतें और वाहन चलाते समय सतर्क रहें।
उपाय: हनुमान जी को लाल फूल चढ़ाएं और ‘ॐ हं हनुमते नमः’ मंत्र का 21 बार जाप करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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