Zodiac Signs: शनिवार 8 फरवरी, 2025 को बुध और मंगल 150 डिग्री पर स्थित होकर एक अशुभ योग का निर्माण किया। इस योग को ज्योतिष शास्त्र में षडाष्टक योग कहा गया है। षडाष्टक योग एक विशेष ज्योतिषीय योग है, जिसे आमतौर पर नेगेटिव फल देने वाला माना जाता है। यह तब बनता है जब दो काल पुरुष कुंडली में एक-दूसरे से षष्ठ (6ठे) और अष्टम (8वें) भाव में स्थित होते हैं। यह स्थिति दोनों ग्रहों के बीच टकराव और संघर्ष उत्पन्न करती है, जिससे नकारात्मक परिणाम सामने आते हैं और राशियां व्यापक और गंभीर रूप से प्रभावित होती हैं।
षडाष्टक योग को नेगेटिव क्यों माना जाता है?
ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार, कुंडली का छठा भाव शत्रु, रोग और ऋण से जुड़ा होता है, जबकि आठवां भाव अनिश्चितता, दुर्घटनाएं और आयु से संबंधित होता है। जब दो ग्रह षडाष्टक स्थिति में यानी इन दोनों भावों मे होते हैं, तो उनकी ऊर्जा सामंजस्य नहीं बना पाती है, जिससे अशुभ प्रभाव उत्पन्न होते हैं। इस योग के कारण व्यक्ति को अपने जीवन में अनावश्यक संघर्ष, मानसिक तनाव, आर्थिक अस्थिरता और सेहत संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि यह योग चंद्रमा या लग्नेश ग्रह से जुड़ा हो, तो मानसिक समस्याएं बेहद बढ़ सकती हैं।
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बुध-मंगल के षडाष्टक योग का राशियों पर असर
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, बुध-मंगल का अशुभ षडाष्टक योग मिथुन, कन्या और वृश्चिक राशि के लिए बड़ी चुनौती लेकर आया है। इन राशियों के लोगों को आर्थिक हानि, व्यापार में रुकावट, पारिवारिक कलह और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, सही उपाय अपनाने से इस योग के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है। यहां बताए गए शास्त्रीय उपायों को अपनाकर और संयम रखते हुए, इस कठिन समय को आसानी से पार किया जा सकता है। आइए जानते हैं, ये अनलकी राशियां कौन-सी हैं और किन विशेष उपायों से षडाष्टक योग के असर को कम या खत्म कर सकते हैं?
मिथुन राशि
बुध मिथुन राशि के स्वामी ग्रह हैं और मंगल के साथ षडाष्टक योग बनने से व्यापार, करियर और निर्णय क्षमता प्रभावित होगी। व्यापार में बड़ा नुकसान हो सकता है, निवेश सोच-समझकर करें। नौकरीपेशा लोगों को काम का दबाव और तनाव बढ़ेगा। सहकर्मियों से वाद-विवाद और कार्यस्थल पर विवाद हो सकता है।
जल्दबाजी में फैसले लेने से आर्थिक संकट आ सकता है। नौकरीपेशा लोग कोई भी बड़ा निर्णय लेने से पहले सलाह लें। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, विशेष रूप से सिरदर्द और रक्तचाप (बीपी) बढ़ सकता है। भगवान गणेश जी की पूजा करें और ‘ॐ बुं बुधाय नमः’ मंत्र का जाप करें। मंगल के प्रभाव को शांत करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें।
कन्या राशि
बुध कन्या राशि के भी स्वामी हैं, लेकिन मंगल के प्रभाव से इस राशि के जातकों को आर्थिक अस्थिरता और पारिवारिक तनाव झेलना पड़ सकता है। पैसे की तंगी और अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं। साझेदारी में व्यापार करने वाले जातकों को धोखा या नुकसान हो सकता है। व्यापार में किसी नए सौदे से पहले अच्छी तरह से सोच-विचार करें।
घर में विवाद और मतभेद बढ़ सकते हैं, खासकर जीवनसाथी के साथ। परिवार में किसी सदस्य की सेहत खराब हो सकती है। मानसिक तनाव और नींद की कमी महसूस होगी। बुधवार के दिन हरी मूंग दाल और हरे कपड़े का दान करें। शिवलिंग पर जल चढ़ाएँ और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
वृश्चिक राशि
मंगल वृश्चिक राशि का स्वामी है, लेकिन बुध के साथ षडाष्टक योग बनने से इस राशि के जातकों को रिश्तों में दरार, स्वास्थ्य समस्याएँ और आर्थिक कठिनाइयाँ झेलनी पड़ सकती हैं। पति-पत्नी के बीच मनमुटाव बढ़ सकता है, रिश्तों में कड़वाहट आ सकती है। किसी नजदीकी रिश्तेदार या मित्र से टकराव और विवाद हो सकता है। यात्रा के दौरान दुर्घटना या चोट लगने का खतरा रहेगा।
कार्यस्थल पर विरोधियों से बचकर रहें, पीठ पीछे षड्यंत्र हो सकता है। नौकरीपेशा लोग कोई भी बड़ा निर्णय लेने से पहले सलाह लें। स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ, जैसे पेट संबंधी रोग, रक्तचाप और सिरदर्द हो सकता है। भगवान गणेश जी की पूजा करें और ‘ॐ बुं बुधाय नमः’ मंत्र का जाप करें। मंगल के प्रभाव को शांत करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।