Zodiac Signs: वैदिक ज्योतिष की गणना के अनुसार, बुधवार 22 जनवरी 2025 की आधी रात से ठीक पहले 11 बजकर 21 मिनट पर सूर्य और चंद्रमा के विशेष संयोग से व्यतिपात योग बनने जा रहा है। यह योग ज्योतिष शास्त्र में काफी महत्व रखता है, क्योंकि अशुभ और विनाशकारी माना गया है। आपको बता दें कि ‘व्यतिपात’ का शाब्दिक अर्थ है ‘पतन’ या ‘विनाश’। यह योग तब बनता है जब सूर्य और चंद्रमा एक ही नक्षत्र में स्थित होते हैं, लेकिन उनकी दिशाएं विपरीत होती हैं। इस योग के कुप्रभाव से लोग गलत काम की ओर प्रवृत होते देखे गए हैं, क्योंकि मन का कारक चंद्रमा पीड़ित हो जाता है।
सूर्य-चंद्र व्यतिपात का ज्योतिष महत्व
ज्योतिषीय दृष्टि से, सूर्य-चंद्र व्यतिपात स्थिति को इन दोनों ग्रहों के बीच ऊर्जा का असंतुलन कहा जाता है। यह असंतुलन व्यक्ति और ब्रह्मांड दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। व्यतिपात योग का समय आमतौर पर किसी भी शुभ कार्य, निवेश, या नई शुरुआत के लिए वर्जित माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र में इसे महापात दोष भी कहा गया है, जिसका प्रभाव अक्सर अशुभ और विनाशकारी बताया गया है। इस योग का प्रभाव हर व्यक्ति के जीवन पर भिन्न-भिन्न रूपों में पड़ सकता है, जैसे- इस योग के दौरान मानसिक तनाव और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो सकती है, जिसके कारण व्यक्ति अनावश्यक समस्याओं में उलझ सकता है। व्यर्थ के खर्चे और धन हानि के योग बन सकते हैं। व्यतिपात योग के दौरान संबंधों में संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
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सूर्य-चंद्र व्यतिपात का राशियों पर असर
ज्योतिष में व्यतिपात का अर्थ है ग्रहों की स्थिति में एक अस्थायी असंतुलन, इसलिए सूर्य-चंद्र व्यतिपात का ज्योतिष में विशेष महत्व है। जब यह योग बनता है, तो यह माना जाता है कि ब्रह्मांड में एक प्रकार की ऊर्जा का असंतुलन होता है। इस प्रकार की स्थिति यूं तो सभी राशियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। लेकिन 3 तीनों राशियों के जातकों को इस समय सतर्क रहना चाहिए और सकारात्मक सोच बनाए रखनी चाहिए।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातक बुद्धि और संचार के प्रतीक माने जाते हैं, लेकिन इस समय उनके लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में मिथुन जातकों का मन भटक सकता है। उन्हें सही निर्णय लेने में कठिनाई होगी, जिससे मानसिक दुविधा बढ़ेगी। रिश्तों और कार्यक्षेत्र में असमंजस की स्थिति बन सकती है। योजनाएं बार-बार विफल हो सकती हैं। कार्यस्थल पर सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ तालमेल की कमी हो सकती है। नई परियोजनाओं में देरी या असफलता का सामना करना पड़ सकता है। अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं। किसी पुराने निवेश से हानि हो सकती है। उधार लेने या देने से बचें, क्योंकि यह और आर्थिक समस्याएं पैदा कर सकता है।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातक अपनी व्यावहारिकता और परिश्रम के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इस अवधि में उन्हें मानसिक और शारीरिक थकावट का सामना करना पड़ सकता है। पेट और पाचन से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस, अपच, और एसिडिटी हो सकती है। तनाव के कारण नींद की कमी और सिरदर्द जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। पुरानी बीमारियों का फिर से उभरना संभव है। जीवनसाथी या परिवार के सदस्यों के साथ मतभेद हो सकते हैं। दोस्तों और सहकर्मियों के साथ संवाद में गलतफहमी बढ़ सकती है। झगड़ा भी हो सकता है, बात कोर्ट-कचहरी तक पहुंच सकती है। वैवाहिक जीवन में दूरी या विवाद की संभावना है। समय पर काम पूरा करने में कठिनाई होगी। कार्यक्षेत्र में आपकी मेहनत का पूरा फल नहीं मिलेगा। योजनाओं में देरी और बार-बार बदलाव हो सकता है।
मकर राशि
मकर राशि के जातक धैर्य और अनुशासन के प्रतीक होते हैं, लेकिन इस अवधि में व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में चुनौतियां बढ़ सकती हैं। मेहनत का फल अपेक्षित रूप से नहीं मिलेगा। प्रमोशन में देरी हो सकती है। सहकर्मियों के साथ असहमति या बॉस से विवाद हो सकता है। निवेश या व्यापार में घाटा होने की संभावना है। अचानक खर्चों में वृद्धि के कारण आर्थिक परेशानी हो सकती है। बढ़ते दबाव और तनाव के कारण आत्मविश्वास कमजोर हो सकता है। आत्म-संदेह की स्थिति बनी रहेगी, जिससे महत्वपूर्ण निर्णय लेना कठिन हो जाएगा। पड़ोसी के साथ विवाद और झगड़ा हो सकता हैं। आप मारपीट के आरोप में जेल जा सकते हैं। व्यापार या निवेश में घाटा हो सकता है। गलत वित्तीय फैसले नुकसान पहुंचा सकते हैं। उधार चुकाने में कठिनाई होगी।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।