Brihaspati Grah Shanti Ke Upay: कई लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह अशुभ प्रभाव में होता है। उन्हें अक्सर लंबी और बड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। अगर किसी के जीवन में रोग और बीमारियों ने डेरा डाल रखा है, इसका मतलब उसका बृहस्पति ठीक नहीं है। यदि किसी के जीवन में सुख और शांति नहीं है तब भी ये माना जाता है कि उसका बृहस्पति ठीक नहीं है। जीवन और सुख का कारक ग्रह बृहस्पति है।
बृहस्पति के बारे में ज्योतिष में यहां तक कहा गया है कि यदि केंद्र में बृहस्पति बलवान हो और अगर दूसरे ग्रह खराब भी हों तो कुछ बिगाड़ नहीं सकते। इसलिए बृहस्पति को अच्छा भी माना जाता है, लेकिन यदि बृहस्पति मकर या नीच राशि में है तो इसका अशुभ प्रभाव पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि यदि किसी को बीमारियों ने जकड़ रखा है तो क्या उपाय करना चाहिए।
58वें नंबर के प्रयागेश्वर महादेव का पूजन, अभिषेक करें
पंडित सुरेश पांडे के अनुसार, यदि आप उज्जैन जाएं तो यहां 84 महादेव मंदिर जरूर जाना चाहिए। वहां 58वें नंबर के प्रयागेश्वर महादेव का पूजन, अभिषेक करें। तीन लीटर कच्चे दूध से तांबे की श्रृंगी से रुद्राष्टक का पाठ ब्राह्मण से करवाएं। अच्छे से दर्शन करने के साथ ही बेल पत्र आदि समर्पित करें। इससे आपके पाप-ताप का नाश होगा, जीवन में सुख शांति मिलेगी और स्वर्ग की प्राप्ति होगी।
संतरे के रस से भी अभिषेक किया जा सकता है
पंडित सुरेश पांडे के मुताबिक, शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पूजन और अभिषेक करने से गुरु ग्रह की शांति होती है। प्रयागेश्वर महादेव का संतरे के रस से भी अभिषेक किया जा सकता है। अगर आपके जीवन में बहुत ज्यादा बीमारियां हैं तो संतरे के रस से ही अभिषेक करें। पूजा के बाद सोने की वस्तु, चने की दाल, पीला कपड़ा और हल्दी किसी विष्णु मंदिर में दान करें। बता दें कि महाकाल की नगरी उज्जैन में 84 महादेव मंदिरों के दर्शन और पूजा का विशेष महत्व है। यहां उज्जैन और आसपास के इलाकों में महादेव के 84 मंदिर स्थित हैं। भक्त इनकी परिक्रमा भी करते हैं।
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