Bhairav ke Upay: भगवान शिव के ग्यारह रुद्रावतारों में एक भगवान भैरव को प्रचंड शक्तिशाली माना जाता है। इस पूरे विश्व में ऐसा कोई तांत्रिक या मांत्रिक नहीं है जो इन्हें चुनौती दे सकें। सबसे बड़ी बात, दूसरे देवताओं के मुकाबले यह तुरंत ही प्रसन्न भी हो जाते हैं। यही कारण है कि अत्यधिक संकटपूर्ण स्थिति आने पर ज्योतिषी भैरूंजी के ही उपाय करने की सलाह देते हैं।
ज्योतिषी एम. एस. लालपुरिया के अनुसार यदि किसी भी माह की अष्टमी को भैरव के निमित्त उपाय कर लिया जाए तो वह व्यक्ति अजेय हो जाता है। यदि किसी दुष्ट ने आप पर वशीकरण, मारण, उच्चाटन या किसी भी अन्य तरह का प्रयोग किया है तो इनकी शरण जाना सर्वोत्तम है। वर्तमान में गुप्त नवरात्रि चल रही है और शनिवार को माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी भी है। ऐसे में कुछ बहुत ही आसान से उपाय करके आप भैंरूजी से मनचाही इच्छा पूर्ण होने का आशीर्वाद ले सकते हैं। जानिए ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में
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ये है अष्टमी पूजा के मुहूर्त (Ashtami Puja Muhurat)
माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ – 28 जनवरी, 2023 (शनिवार) को सुबह 8.43 बजे
अष्टमी तिथि का समापन – 29 जनवरी, 2023 (रविवार) को सुबह 9.05 बजे
ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन भद्रा भी है। ऐसे में आप कुछ विशेष तंत्र-मंत्रों का प्रयोग इस दिन कर सकते हैं। यदि मुहूर्त की बात करें तो 28 जनवरी को सुबह 8.36 बजे से 9.57 तक पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा। इसके बाद दोपहर में 3.23 बजे से 4.44 बजे तक अमृत का चौघड़िया रहेगा इसी प्रकार रात्रि में 9.23 बजे से अर्द्धरात्रि बाद 12.40 बजे तक क्रमशः शुभ एवं अमृत का चौघड़िया रहेगा। इन मुहूर्त में भगवान भैरव की पूजा की जा सकती है।
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