---विज्ञापन---

ज्योतिष

पढ़ाई में कमजोर है बच्चा? मां बाप कर लें बस ये 6 ज्योतिषीय उपाय, कम्यूटर की तरह हो जाएगा तेज हो जाएगा दिमाग

कभी-कभी कुछ बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते हैं। उनको सफलता काफी मेहनत के बाद ही मिल पाती है। स्कूल में पढ़ाया जाने वाला कोर्स भी जल्दी समझने में उनको कठिनाई होती है। ज्योतिष में इसका कारण कुछ ग्रहों का अशुभ प्रभाव भी बताया गया है। इसको लेकर कुछ उपाय भी बताए गए हैं, अगर माता-पिता उन उपायों को करते हैं तो बच्चे को पढ़ाई में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jun 14, 2025 15:27
astro tips
इन उपायों से तेज होगा बच्चे का दिमाग Credit- pexels

जब बच्चा पढ़ाई में कमजोर हो और उसका मन पढ़ाई में न लगे या वह बार-बार असफल हो जाए तो यह माता-पिता के लिए यह चिंता का विषय बन जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की स्थिति और कुंडली में कुछ दोष बच्चों की एकाग्रता, बुद्धि और एजुकेशनल डेवलेपमेंट को प्रभावित कर सकते हैं।

बुध, बृहस्पति और चंद्रमा जैसे ग्रह शिक्षा, ज्ञान और मानसिक स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि ये ग्रह कमजोर हों या अशुभ प्रभाव में हों, तो बच्चे को पढ़ाई में कठिनाई हो सकती है। हालांकि ज्योतिष में कुछ ऐसे उपाय भी बताए गए हैं, जिनको अपनाकर माता-पिता इन ग्रहों को मजबूत कर बच्चे के एजुकेशनल डेवलेपमेंट में सहायता कर सकते हैं।

---विज्ञापन---

ग्रहों का पड़ता है खास प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र में, बुध ग्रह को बुद्धि, तर्कशक्ति और संचार का कारक माना जाता है। जो बच्चों की समझ और सीखने की क्षमता को प्रभावित करता है। बृहस्पति ज्ञान, शिक्षक और उच्च शिक्षा का प्रतीक है, जो एजुकेशनल गाइडेंस और लॉन्गटर्म सक्सेस में सहायक होता है। वहीं, चंद्रमा मन की स्थिरता और एकाग्रता को नियंत्रित करता है, जिसके कमजोर होने पर बच्चे का मन पढ़ाई से भटक सकता है।

राहु और केतु जैसे अशुभ ग्रह कुंडली में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे बच्चे का ध्यान बंटता है। इसके अलावा कुंडली का पंचम भाव (शिक्षा) और चतुर्थ भाव (मन और माता) यदि कमजोर हो तो पढ़ाई में रुकावटें आती हैं। ऐसे माता-पिता बच्चे की कुंडली का विश्लेषण करवा सकते हैं ताकि सटीक ग्रह दोष और उपायों का पता चल सके। हालांकि कुछ ऐसे उपाय भी बताए गए हैं, जिनसे इन तीनों ग्रहों को मजबूत किया जा सकता है।

---विज्ञापन---

बुध ग्रह को करें मजबूत

बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क और संचार का कारक माना जाता है और इसका कमजोर होना बच्चे की समझ और सीखने की क्षमता को प्रभावित करता है। यदि बच्चा पढ़ाई में कमजोर है तो माता-पिता हर बुधवार को भगवान गणेश को 21 दूर्वा अर्पित करें और ‘ॐ बुं बुधाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।

बच्चे को हरे रंग के कपड़े पहनाएं और स्टडी रूम में हरे रंग का पर्दा या टेबलक्लॉथ उपयोग करें। बुधवार को हरी मूंग, पालक का दान करें। बच्चे को गणेश चालीसा पढ़ने के लिए कहें। इसके साथ ही पढ़ाई के दौरान हरे रंग का पेन उपयोग करने की सलाह दें। यह उपाय बच्चे की एकाग्रता और बौद्धिक क्षमता को बढ़ाएगा।

बृहस्पति ग्रह का करें उपाय

बृहस्पति ज्ञान और शिक्षक का प्रतीक हैं और इनका कमजोर होना शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त करने में बाधा डाल सकता है। माता-पिता गुरुवार को बच्चे के साथ मिलकर भगवान विष्णु को पीले फूल, चने की दाल और केसर अर्पित करें और ‘ॐ गुरवे नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। बच्चे को पीले रंग का कपड़ा पहनाएं और पढ़ाई के लिए पीली नोटबुक या पेन उपयोग करने को दें। गुरुवार को हल्दी, केला या पीला कपड़ा दान करें। बच्चे को नियमित रूप से विष्णु सहस्रनाम पढ़ने की आदत डलवाएं और स्टडी रूम में बृहस्पति यंत्र स्थापित करें।

चंद्रमा के लिए करें ये काम

चंद्रमा मन की स्थिरता और एकाग्रता को कंट्रोल करता है और इसका कमजोर होना बच्चे का ध्यान भटका सकता है। माता-पिता हर सोमवार को शिवलिंग पर दूध और जल अर्पित करें और ‘ॐ सोमाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। बच्चे को सफेद या हल्के नीले रंग के कपड़े पहनाएं और दूध, दही या सफेद चावल जैसे सात्विक भोजन दें। सोमवार को चांदी का सिक्का, सफेद कपड़ा या चावल दान करें। बच्चे को रोजाना 5 मिनट ध्यान करने की आदत डालवाएं और स्टडी रूम में चंद्र यंत्र रखें।

राहु-केतु दोष निवारण

राहु और केतु अशुभ प्रभाव के कारण बच्चे का मन भटकता है और पढ़ाई में रुकावटें आती हैं। माता-पिता शनिवार को भगवान हनुमान को चमेली का तेल और सिन्दूर चढ़ाएं और ‘ॐ रां राहवे नमः’ तथा ‘ॐ कें केतवे नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। बच्चे को काले या गहरे नीले रंग के कपड़े पहनने से बचाएं और काले तिल, कंबल या लोहे का दान करें। बच्चे को हनुमान चालीसा पढ़ाएं और रोजाना प्राणायाम करवाएं। स्टडी रूम में राहु-केतु शांति यंत्र स्थापित करें। ये उपाय नकारात्मक प्रभाव को कम करेंगे और बच्चे का ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित होगा।

पंचम भाव करें मजबूत

पंचम भाव शिक्षा और बुद्धि का कारक है और इसका कमजोर होना पढ़ाई में बाधा डालता है। माता-पिता बच्चे को सूर्योदय के समय सूर्य को तांबे के लोटे से जल अर्पित करने की आदत डालें और ‘ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र का 11 बार जाप करें। बच्चे को लाल या नारंगी रंग के कपड़े पहनाएं और रविवार को गेहूं, गुड़ या तांबे की वस्तु दान करें। बच्चे के स्टडी रूम में सूर्य की रोशनी आने दें और सूर्य यंत्र स्थापित करें। बच्चे को रोजाना सूर्य नमस्कार करने की सलाह दें।

माता सरस्वती की पूजा

माता सरस्वती ज्ञान और बुद्धि की देवी हैं और उनकी पूजा से बच्चे की पढ़ाई में सुधार होता है। माता-पिता हर बुधवार को माता सरस्वती को सफेद फूल, दही और मिश्री अर्पित करें और ‘ॐ सरस्वत्यै नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। बच्चे को सफेद कपड़े पहनाएं और स्टडी रूम में सरस्वती यंत्र स्थापित करें। बच्चे को रोजाना माता सरस्वती का नाम लिखने और सरस्वती वंदना पढ़ने के लिए कहें। बुधवार को सफेद चंदन या किताबें दान करें।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

ये भी पढ़ें- सपने में आंधी-तूफान देखने का क्या है मतलब, जानिए क्या कहता है स्वप्नशास्त्र?

First published on: Jun 14, 2025 03:27 PM

संबंधित खबरें