29 मार्च 2025 को शनिदेव ने मीन राशि में गोचर किया है, जिसमें वे अगले ढाई साल तक विराजमान रहेंगे। मीन राशि में शनि गोचर के के साथ ही साढ़ेसाती और ढैय्या का नया हिसाब-किताब बन चुका है। वैदिक ज्योतिष में शनि को न्याय और कर्म के फल देने वाला देवता माना गया है। यही कारण है कि उन्हें कर्मफल दाता और न्यायाधीश भी कहते हैं। अपनी साढ़ेसाती और ढैय्या के माध्यम से वे इंसान के अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब बड़ी गहराई और निष्पक्षता से करते हैं।
मीन राशि में शनि गोचर के बाद की परिस्थिति कुछ राशियों के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है। ये राशियां कुल 5 हैं, जिन पर या तो साढ़ेसाती चल रही है या फिर ढैय्या का प्रभाव आरंभ हो चुका है। इन राशियों के जातकों को अपने कर्मों पर विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि शनिदेव अब एक-एक कर्म का हिसाब लेंगे और खास बात यह है कि वे अपनी स्वराशि कुंभ को भी नहीं बख्शेंगे।
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साढ़ेसाती और ढैय्या: क्या है इनका अर्थ?
साढ़ेसाती का प्रभाव तब पड़ता है जब शनि जन्म राशि से एक राशि पहले, जन्म राशि और एक राशि बाद में गोचर करते हैं। इसका कुल समय लगभग 7.5 वर्ष होता है। वहीं, ढैय्या या शनि की अढ़ैया उस स्थिति को कहते हैं जब शनि किसी राशि से चौथे या आठवें स्थान पर होते हैं, जो करीब ढाई साल तक प्रभावी रहती है। अब आइए जानते हैं, उन 5 राशियों के बारे में जिन पर इस समय शनिदेव की विशेष दृष्टि है।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए साढ़ेसाती का यह पहला चरण है। यह चरण कई तरह की चुनौतियाँ लेकर आया है। नौकरी और करियर में रुकावटें आएंगी। व्यापार में मंदी का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक मोर्चे पर खर्च बढ़ सकते हैं और आमदनी में गिरावट आ सकती है। इस समय अपने क्रोध और फैसलों पर नियंत्रण रखें, नहीं तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
उपाय: शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें और शनिवार को काली वस्तुओं का दान करें।
कुंभ राशि
कुंभ शनि की अपनी ही राशि है, लेकिन शनिदेव यहां भी पक्षपात नहीं करेंगे। इस राशि पर अभी साढ़ेसाती का तीसरा चरण चल रहा है। हालांकि पहले से बेहतर स्थिति देखने को मिल सकती है, लेकिन छवि बिगड़ने और षड्यंत्रों का सामना करना पड़ सकता है। कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में सावधानी जरूरी है। सामाजिक प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए सच और संयम का रास्ता अपनाएं।
उपाय: शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों को शनि की यह स्थिति विशेष सतर्कता की मांग करती है, क्यों इन पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। धन हानि की संभावना है। रोजगार से जुड़ी परेशानियां सामने आ सकती हैं। स्वास्थ्य का ध्यान रखें, विशेषकर हड्डियों, जोड़ों या गैस्ट्रिक समस्याओं से पीड़ित रहें। यह समय मेहनत की परीक्षा है, लेकिन धैर्य और लगन से स्थितियाँ सुधरेंगी।
उपाय: शनिवार को लोहे की वस्तुएँ दान करें और शनि चालीसा का पाठ करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों को पर शनि की ढैय्या शुरू हुई है। शनि की ढैय्या इस राशि के जातकों लिए कई स्तरों पर बाधाएं खड़ी कर सकती है। कार्यक्षेत्र में रुकावटें और विरोध बढ़ सकता है। घरेलू तनाव, विशेषकर माता-पिता या जीवनसाथी से मनमुटाव की संभावना है। जरूरी कार्यों में देरी होगी, जिससे मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
उपाय: शनिदेव को तेल चढ़ाएं और गरीबों को छाया या छाता दान करें।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए शनि की ढैय्या ने दस्तक दे दी है। इस राशि के जातकों को नौकरी में प्रमोशन या लक्ष्य तक पहुंचने में देरी हो सकती है। बिजनेस करने वालों को अचानक से घाटे या निवेश में उलझन का सामना करना पड़ सकता है। संतान पक्ष से चिंता हो सकती है। उनके स्वास्थ्य या पढ़ाई से जुड़ी बातों में समस्याएं आ सकती हैं।
उपाय: हर शनिवार काले तिल और काली उड़द का दान करें और शनि स्तोत्र पढ़ें।
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