Daily Horoscope: 6 सितंबर 2025 को भाद्रपद मास की चतुर्दशी तिथि होगी, जो रात 10:55 तक धनिष्ठा नक्षत्र और इसके बाद शतभिषा नक्षत्र के साथ रहेगी। योग में अतिगण्ड सुबह 11:52 तक रहेगा और फिर सुकर्मा योग प्रभावी होगा। करण में गर दोपहर 2:31 तक और फिर वणिज करण रहेगा। ग्रहों की स्थिति की बात करें तो चंद्रमा सुबह 11:21 तक मकर राशि में रहेंगे, फिर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। सूर्य, बुध और केतु सिंह राशि में, बृहस्पति मिथुन में, शुक्र कर्क में, राहु कुंभ में और शनि मीन राशि में विराजमान होंगे।
इस ज्योतिषीय स्थिति के आधार पर कुछ राशियों के लिए यह दिन चुनौतीपूर्ण हो सकता है। चतुर्दशी तिथि और अतिगण्ड योग की शुरुआत में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव रह सकता है, जबकि धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र बौद्धिक और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाते हैं। हालांकि, कुछ राशियों के लिए ग्रहों की स्थिति तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं या निर्णय लेने में बाधा उत्पन्न कर सकती है। दरअसल भाद्रपद मास की चतुर्दशी तिथि सामान्य रूप से आध्यात्मिक कार्यों, जैसे पूजा-पाठ और पितृ कार्यों के लिए शुभ मानी जाती है, लेकिन यह निर्णय लेने और नए कार्य शुरू करने के लिए उपयुक्त नहीं होती है।
अतिगण्ड योग सुबह तक रहने से तनाव, जल्दबाजी और बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं, जबकि सुकर्मा योग दोपहर के बाद सकारात्मक ऊर्जा लाएगा। धनिष्ठा नक्षत्र मंगल द्वारा शासित है। यह नक्षत्र महत्वाकांक्षी और ऊर्जावान होता है, लेकिन शतभिषा नक्षत्र राहु द्वारा शासित हैं। यह नक्षत्र रात में रहस्यमय और भ्रमकारी प्रभाव दे सकता है। चंद्रमा का मकर से कुंभ में गोचर अनुशासन से स्वतंत्रता की ओर बदलाव लाएगा, लेकिन राहु के साथ कुंभ में संयोजन कुछ राशियों के लिए अस्थिरता बढ़ा सकता है।
सूर्य, बुध और केतु का सिंह में होना बौद्धिक और नेतृत्वकारी ऊर्जा देता है, लेकिन केतु की उपस्थिति भ्रम या आध्यात्मिक विचलन पैदा कर सकती है। बृहस्पति का मिथुन में होना बौद्धिक विकास को बढ़ावा देता है, लेकिन मिथुन में उनकी दुर्बलता कुछ राशियों के लिए निर्णय लेने में बाधा बन सकती है। शुक्र कर्क में भावनात्मक संवेदनशीलता लाएगा, जबकि शनि मीन में कर्मिक जिम्मेदारियां बढ़ाएगा। आइए जानते हैं कि किन राशि वालों के लिए यह दिन अच्छा नहीं रहने वाला है और इन राशि वालों को क्या सावधानियां बरतनी होंगी?
कर्क राशि
शुक्र आपकी लग्न राशि में हैं, जो भावनात्मक संवेदनशीलता बढ़ा रहे हैं। चंद्रमा का कुंभ में गोचर आपके अष्टम भाव को प्रभावित करेगा, जहां राहु की उपस्थिति स्वास्थ्य, विशेषकर पेट या त्वचा से संबंधित समस्याएं ला सकती है। चतुर्दशी तिथि और अतिगण्ड योग के प्रभाव से सुबह के समय मानसिक तनाव या गुप्त चिंताएं बढ़ सकती हैं। बृहस्पति का मिथुन में होना आपके द्वादश भाव को प्रभावित करता है, जिससे अनावश्यक खर्च या यात्रा में बाधाएं हो सकती हैं।
उपाय: दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और सफेद वस्तुओं का दान करें।
मकर राशि
चंद्रमा दिन के पहले भाग में आपकी राशि में रहेगा और अतिगण्ड योग के साथ यह तनाव और मानसिक अशांति ला सकता है। सुबह के समय आप जल्दबाजी में गलत निर्णय ले सकते हैं, जिससे कार्यों में बाधा या हानि हो सकती है। चंद्रमा का कुंभ में गोचर और राहु के साथ संयोजन दोपहर के बाद भावनात्मक अस्थिरता लाएगा। स्वास्थ्य, विशेषकर जोड़ों या हड्डियों से संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं। कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों से तनाव या गलतफहमी हो सकती है।
उपाय: आज धैर्य रखें, सुबह कोई नया कार्य शुरू न करें और शनि मंत्र का जाप करें।
सिंह राशि
सूर्य, बुध और केतु आपके लग्न भाव में हैं, जो आत्मविश्वास को बढ़ाता है, लेकिन केतु की उपस्थिति मानसिक भ्रम और आत्म-संदेह पैदा कर सकती है। चतुर्दशी तिथि और अतिगण्ड योग के प्रभाव से आप सुबह के समय आक्रामक या जल्दबाज निर्णय ले सकते हैं, जिससे रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है। चंद्रमा का कुंभ में गोचर आपके सप्तम भाव को प्रभावित करेगा, जहां राहु की मौजूदगी वैवाहिक या व्यापारिक साझेदारियों में गलतफहमी ला सकती है।
उपाय: वाद-विवाद से बचें और सूर्य को जल अर्पित करें।
वृश्चिक राशि
चंद्रमा सुबह आपके तृतीय भाव में और दोपहर के बाद चतुर्थ भाव में होगा, जहां राहु के साथ संयोजन घरेलू अशांति या माता के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। बृहस्पति आपके अष्टम भाव में हैं, जो स्वास्थ्य और गुप्त चिंताओं को बढ़ा सकते हैं। अतिगण्ड योग के प्रभाव से सुबह के समय यात्रा या संचार में बाधाएं आ सकती हैं। शतभिषा नक्षत्र का प्रभाव रात में मानसिक तनाव बढ़ा सकता है।
उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें और जोखिम भरे निवेश से बचें।
मीन राशि
शनि आपकी लग्न राशि में हैं, जो पहले से ही कर्मिक दबाव और जिम्मेदारियां बढ़ा रहे हैं। चंद्रमा का कुंभ में गोचर आपके द्वादश भाव को प्रभावित करेगा, जहां राहु की उपस्थिति खर्चों, मानसिक अशांति और नींद की समस्याओं को बढ़ा सकती है। अतिगण्ड योग के कारण सुबह के समय कोई भी बड़ा निर्णय लेने से बचें, क्योंकि गलतियां होने की संभावना है। बृहस्पति का मिथुन में होना आपके चतुर्थ भाव को प्रभावित करता है, जिससे घरेलू सुख में कमी आ सकती है।
उपाय: शनि और राहु मंत्र का जाप करें, और अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण रखें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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