---विज्ञापन---

दुनिया

बांग्लादेश में क्यों हिंदू शख्स दीपू चंद्र को बेरहमी से मार डाला गया? पिता ने बयां की खौफनाक दास्तां

बांग्लादेश के मैमनसिंह शहर में ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू शख्स की पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या कर दी गई.

Author Edited By : Arif Khan
Updated: Dec 20, 2025 15:09
Bangladesh Protest
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले बढ़े

बांग्लादेश के मैमनसिंह शहर में गुरुवार रात एक हिंदू शख्स दीपू चंद्र दास की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. भीड़ ने इस शख्स पर ईशनिंदा का आरोप लगाया था. शख्स की हत्या के बाद पूरे इलाके में आक्रोश का माहौल है. हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दास की उम्र 25 साल थी. दीपू चंद्र दास अपना गुजारा करने के लिए एक फैक्ट्री में मजदूर के रूप में काम करते थे. शहर के स्क्वायर मास्टरबारी इलाके में यह फैक्ट्री ‘पायनियर निट कंपोजिट’ स्थित है. बांग्लादेशी मीडिया हाउस ‘बार्टा बाजार’ ने स्थानीय और चश्मदीदों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि फैक्ट्री कैंपस और आसपास के इलाकों में ईशनिंदा की अफवाह तेजी से फैल गई थी. इसके बाद वहां तनाव बढ़ गया. फिर गुस्साई भीड़ ने दीपू पर हमला कर दिया और उसे बुरी तरह पीटा. दीपू को इतना पीटा कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई.

पुलिस के मुताबिक, मर्डर के बाद भीड़ ने दीपू के शव को ढाका-मैमनसिंह राजमार्ग के किनारे फेंक दिया और उसमें आग लगा दी. इसके बाद सड़क पर ट्रैफिक जाम लग गया था.

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें : बांग्लादेश में भीड़ ने क्यों फूंके मीडिया हाउस, आखिर 33 साल में पहली बार ‘द डेली स्टार’ और 27 साल में ‘प्रथम आलो’ क्यों नहीं छपे?

पिता ने सुनाई खौफनाक दास्तां

NDTV ने दीपू के पिता रविलाल दास के हवाले से लिखा है कि उनके परिवार को सबसे पहले सोशल मीडिया के जरिए इसका पता चला. रविलाल दास ने बताया, ‘हमने फेसबुक पर देखा. फिर लोगों से सुना कि मेरे बेटे को बहुत बुरी तरह पीटा गया. करीब आधे घंटे बाद मेरे चाचा आए और बताया कि वे मेरे बेटे को ले गए और उसे एक पेड़ से बांध दिया है.’ उन्होंने आगे बताया कि भीड़ ने उनके बेटे पर केरोसिन डालकर आग लगा दी. फिर उसका जला हुआ शरीर छोड़ भीड़ चली गई. जले हुए धड़ और सिर को एक साथ बांध दिया था.

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें : बांग्लादेश में अब क्यों मचा बवाल? चुनाव जीतने की चाल या फिर…, छात्र नेता हादी की मौत ने खड़े किए कई सवाल

सरकार ने की निंदा, 7 गिरफ्तार

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. हालांकि, रविलाल दास ने कहा कि उन्हें सरकार की ओर से अब तक कोई सीधा आश्वासन नहीं मिला है. वहीं, रैपिड एक्शन बटालियन ने इस मामले में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों में तारिक हुसैन, लिमोन सरकार, माणिक मिया, आलमगीर हुसैन, इरशाद अली, निजुम उद्दीन और मिराज हुसैन आकन शामिल हैं.

किसने क्या बोला?

बांग्लादेश से निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने आरोप लगाया कि दीपू पर ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाया गया था. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि दीपू एक गरीब मजदूर थे. उन्होंने कहा कि मुस्लिम सहकर्मी ने मामूली बात पर विवाद होने के बाद दीपू पर पैगंबर के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा दिया. इससे भीड़ भड़क गई. साथ ही नसरीन ने दावा किया कि पुलिस ने दीपू को बचाकर अपनी हिरासत में ले लिया था. फिर उसे भीड़ के हवाले कर दिया गया. उन्होंने यह भी बताया कि दीपू के परिवार में उनके विकलांग पिता, मां, पत्नी और बच्चे हैं. वह घर का इकलौता कमाने वाले शख्स था.

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इसे ‘मानवता के खिलाफ जघन्य अपराध’ बताया और कहा कि किसी भी सभ्य समाज में धर्म या पहचान के आधार पर हिंसा मानवता पर कलंक है.

वहीं, आध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने कहा कि जिस मिट्टी को कभी भारतीय रक्त से आजाद कराया गया था, आज वहां निर्दोष अल्पसंख्यकों का खून बह रहा है. 1971 में हमारे सशस्त्र बलों ने मजलूमों के लिए लड़ाई लड़ी थी.करीब 3,900 भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी ताकि बांग्लादेश का जन्म हो सके.

First published on: Dec 20, 2025 03:09 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.