वानिया अग्रवाल ने एक कार्यक्रम के दौरान माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य को-फाउंडर बिल गेट्स, पूर्व सीईओ स्टीव बाल्मर और सत्य नडेला से झगड़ा किया था। पिछले हफ्ते वाशिंगटन के रेडमंड में कंपनी के मुख्यालय में माइक्रोसॉफ्ट की 50वीं वर्षगांठ कार्यक्रम के दौरान फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों ने बाधा डाली।
वाशिंगटन के रेडमंड कंपनी के मुख्यालय में माइक्रोसॉफ्ट की 50वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम के दौरान फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों ने बाधा डाली। जब विरोध प्रदर्शन हुआ तो उस समय माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स और पूर्व सीईओ स्टीव बाल्मर दोनों दिग्गज वहां पर मौजूद थे। इस मामले में माइक्रोसॉफ्ट के कर्मचारियों ने आवाज उठाई थी। कंपनी के AI प्रमुख मुस्तफा सुलेमान ने उत्पाद अपडेट और तकनीकी के AI असिस्टेंट के लिए लंबे समय तक एप्रोच करने की मांग की।
AI का इस्तेमाल करना बंद करो
इस मामले को लेकर काफी ज्यादा विवाद हो गया। पहली घटना में इब्तिहाल अबूसाद नामक एक कर्मचारी ने स्टेज में चिल्लाया। इसके साथ ही यह भी दावा किया कि आप अच्छे कामों के लिए एआई का इस्तेमाल करना चाहते हैं लेकिन माइक्रोसॉफ्ट इजरायली सेना को एआई हथियार बेचता है। एआई का इस्तेमाल करना बंद करो।
11 अप्रैल होगा मेरा आखिरी दिन- अग्रवाल
बता दें, कार्यक्रम के दौरान वानिया अग्रवाल ने विरोध करने के बाद ईमेल भेजकर बताया कि माइक्रोसॉफ्ट छोड़ने का फैसला लिया है और 11 अप्रैल उनका आखिरी दिन होगा। इजरायल के रंगभेदी नियम को कुशल बनाने और गाजा में फिलिस्तीनियों के नरसंहार में माइक्रोसॉफ्ट की मुख्य भूमिका को उजागर किया है।
वानिया अग्रवाल कौन हैं?
लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, वानिया अग्रवाल ने 2016-19 में एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की। उन्हें एएसयू द्वारा ग्रेस हॉपर स्कॉलरशिप भी मिली, जिसे 2017 ग्रेस हॉपर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए संस्थान के सिर्फ 35 छात्रों ने प्राप्त किया था।
इसके बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में अपना करियर शुरू करने से पहले 2015 में कुछ महीनों के लिए एडैगियो टीज में सोशल मीडिया मैनेजर के रूप में काम किया। साथ ही मार्च 2016 से दिसंबर 2017 के बीच हेल्थ मेडिकल सेंटर में मेडिकल असिस्टेंट, रिसेप्शनिस्ट के रूप में भी काम किया। अग्रवाल ने मई 2018 में ही 4 महीने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर इंटर्न के रूप में अमेजन में शामिल हुईं। बाद में सितंबर 2019 में परमानेंट कर्मचारियों के लिए रख ली गईं।
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